आज हम इस आर्टिकल में एक रुला देने वाली कहानी लेकर आए हैं जिसका शीर्षक है बेटा जो विदेश गया कहानी (Inspirational Sad Story in Hindi)। यह स्टोरी सिर्फ काल्पनिक है इसे दिल पर ना लीजिए यह सिर्फ मनोरंजन और ज्ञान के लिए लिखी गई है।
कहानी शीर्षक – बेटा जो विदेश गया कहानी Inspirational Sad Story in Hindi
ये बात उस समय की है जब लोग अपने शहर में मजे से रह रहे थे। उस शहर में एक परिवार भी रह रहे थे। सभी फैमिली वाले खुशी से अपने दिन बीता रहे थे। उस परिवार का एक लड़का कॉलेज में पढ़ने वाला था। उसको पढ़ाई करने के लिए उनके घर वालों ने विदेश भेज दिये। उस लड़के का नाम वरुण था।
धीरे-धीरे वरुण की पढ़ाई को एक साल बित जाता है, फिर दूसरा साल बीतता है। और इस तरह करते-करते वरुण की पढ़ाई पूरी हो जाती है। अब वरुण वापस भारत आ जाता है, अपने माता-पिता के घर और वह नौकरी ढूंढने लगता है। बाद में वरुण को अपने शहर में नौकरी मिल जाती है। वो खुशी से नौकरी करने लगता है।
नौकरी करते-करते वरुण और भी जगह पर इंटरव्यू देने जाया करता था। एक जगह उसकी नौकरी लग गई और वो नौकरी नही बल्कि विदेश में लगी। ये बात वरुण अपने परिवार वालो को बताता है की मम्मी-पापा मुझे नई नौकरी लगी है और वो भी विदेश में यह सुन कर उसके परिवार वाले सब खुश हो जाते है।
वरुण को विदेश जाने की इजाज़त दे देते है। फिर वरुण जहाँ पहले नौकरी करता था वह उस नौकरी को छोड़ देता है,और कहता है अब में अगले महीने से यहाँ काम पर नही आऊंगा। ऐसा कह कर वरुण उस कंपनी को छोड़ देता है और अगले महीने विदेश जाने के लिए रवाना हो जाता है।
वरुण को विदेश की नौकरी करते-करते 6 महीने बीत चुके थे। अपने माता-पिता के घर वरुण कंपनी से थोड़े दिन की छुटियां लेकर वापस भारत आ जाता है। जब वरुण घर पर पहुँचता है तो वह देखता है,की उसके पड़ोस में जो अंकल रहते थे उनकी मृत्यु हो गई है। उस अंकल का नाम रमेश भाई था।
फिर वरुण अपने पिताजी से पूछता है,की आप मुझे बताओगे की रमेश अंकल की मृत्यु कैसे हो गई। मैं जब 6 महीने पहेले विदेश जाने के लिए निकला था, तब तो रमेश अंकल बिल्कुल ठीक थे, अचानक क्या हो गया? फिर वरुण के पापा वरुण को बताते है कि- तुझे पता है रमेश का एक बेटा था और उसका नाम राजा था। वरुण बोला हाँ-हाँ मुझे याद है। तो वो एक दिन तेरी ही तरह विदेश नौकरी करने गया, और सब परिवार वाले राजा की कामयाबी देखकर खुश थे। लेकिन अचानक से एक दिन राजा विदेश से वापस भारत आता है। रमेश देखता है, कि राजा ने शादी कर ली है, वो भी घर वालो को बिना बातये। इस बात का रमेश को सदमा लग गया।
राजा अपने पिता से यानी कि रमेश से ये बात कर रहा था कि अब हम भारत में नही रहेंगे। रमेश बोले क्यों बेटा हम क्यों भारत में नही रहेंगे। राजा बोला अब मैं बार बार भारत नही आ सकता मेरा पूरा काम विदेश में ही रहता है। इसीलिए मैं आपसे कहता हूं कि आप भी चलिए हमारे साथ विदेश। तभी रमेश बोला नही मैं विदेश नही आऊंगा। इतना कह कर रमेश अपने कमरे में चला जाता है।
फिर अगले दिन सुबह राजा,रमेश के कमरे में जाता है। रमेश को लगा कि मेरा बेटा मुझ से माफी मांगने के लिए आया है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नही था। राजा, रमेश के कमरे में ये कहने गया था कि पापा हम जा रहे विदेश। रमेश बोला लेकिन बेटा भारत में क्या प्रॉब्लम है, तुझे नौकरी करने में। राजा बोला पापा आप समझ क्यों नही रहे है, मेरा पूरा काम विदेश में ही रहता है। सिर्फ आपके लिए मुझे हर महीने भारत आना पड़ता है।
रमेश ने अपने बेटे को बहुंत रोकने की कोशिश करता है। लेकिन राजा नही रुकता, विदेश चला जाता है। ऐसे करते-करते एक महीना बितता है, फिर दूसरा महीना, और रमेश का हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी। फिर हम सब मिल कर उसके बेटे यानी राजा को फोन करते है, की तुम जल्दी से भारत वापस आ जाओ। राजा बोलै क्यो? हमने कहा कि तुम्हारे पिताजी की हालत बहत ही खराब हो चुकी है। लेकिन राजा फोन काट देता है और हमारी बात को सुनता ही नहीं है।
दिन-ब-दिन रमेश की हालत हद से ज्यादा खराब होती चली जाती है। फिर एक दिन उसकी मौत हो जाती है। फिर राजा भारत आता है। लेकिन राजा ने भारत आने में बहत ही देर कर दी होती है।
वरुण बोला तो पापा राजा अभी यही पर होगा ना? वरुण के पिता जी बोले – है बेटा यही पर है।
वरुण बोला की पापा में राजा से मिल कर आता हूं। फिर वरुण राजा को मिलने राजा के घर जाता है। और वरुण बोला अरे राजा कैसा है तू, राजा ने कुछ ठीक से जवाब नही दिया। वरुण फिर बोला अरे राजा अब तो भारत में ही रहेगा ना विदेश तो नही जाएगा ना। राजा गुस्से से बोला तुम तुम्हारे काम से काम रखो मुझे सीख देने की जरूर नही है, की में भारत मे रहूँ या विदेश में। वरुण बोला अरे यार सॉरी तूम तो नाराज़ हो गये। इतना कह कर वरूण वहां से अपने घर जाने के लिए निकल जाता है। राजा भी बहत दुःखी था। क्योंकि उसने अपने पापा की बात न मानी और विदेश चला गया।
राजा भी पत्नी भी राजा को कहने लगती है चलो न फिर से हम विदेश चले जाते है। मुझे भारत में नही रहना। राजा गुस्से में आकर अपनी पत्नी से बोलता है,की तुम्हें अगर विदेश जाना है तो जाओ में नही आऊंगा, अभी मेरी माँ ज़िंदा है। में अपनी माँ के साथ ही रहूंगा। ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में मैने अपने पिताजी को खो दिया। अब में अपनी माँ को खोना नही चाहता। इतना बोलकर राजा खूब रोने लगता है।
राजा को अपनी गलती का एहसास तो हुआ,लेकिन तब-तक बहत ही देर हो चुकी थी। अब राजा विदेश नही जाने वाले था। वो अपने माँ के साथ भारत ही रहने लगा। और इस बात को राजा की पत्नी भी मान गई और राजा के साथ भारत में ही रहने लगी। वरुण अपने घर पहुँचते ही अपने पिता जी को बोलता है,पापा आप टेंशन मत लीजिये मैं राजा की तरह आप से पूछे बिना कोई काम नही करूँगा। और ऐसा काम भी नही करूँगा जिससे मेरे माता-पिता का सर झुक जाए।
वरुण के पिता जी बोले कि बेटा तुम मुझे ये बात नही कहते तो भी मुझे तुम पर पूरा विश्वास है, की तुम हमारे परिवार का नाम नही डुबाओंगे। वरुण बोला – जी पापा मैं अपने परिवार का नाम बिल्कुल भी नही डुबाउंगा। अंत मे सब लोग खुशी से रहने लगते है। राजा को भी अब समझ मे आ चुका था,की परिवार से बढ़ कर कुछ नही होता।
कहानी से शिक्षा (Moral of the story)
शिक्षा 1- पैसे कमाने के चक्कर मे ये मत भूल जाना की आपका भी एक परिवार है,अपने परिवार को भी थोड़ा सा समय दीजिये।
शिक्षा 2- हमेंशा ये बात याद रखना जिसने आपको बड़ा किया है,उसके सामने कभी बड़ा नही बनते।
बेटा जो विदेश गया कहानी (Inspirational Sad Story in Hindi) पढ़ने के लिए धन्यवाद।