बैसाखी पर निबंध Essay on Baisakhi in Hindi

इस लेख में हमने बैसाखी पर निबंध (Essay on baisakhi festival in Hindi) बेहद सरल भाषा में लिखा है, जिसमें बैसाखी त्योहार क्या है, कैसे मनाया जाता है, क्यों मनाया जाता है, कब मनाया जाता है, बैसाखी मेला, इसके महत्व तथा बैसाखी पर 10 लाइन को आकर्षक रूप से लिखा है। अगर आप बैसाखी पर निबंध खोज रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बेहद मददगार साबित होने वाला हैं।

प्रस्तावना (बैसाखी पर निबंध Essay on Baisakhi in Hindi)

बैसाखी यह सिखों के लिए एक पवित्र पर्व होता है। हालांकि इसमें सिर्फ सिख ही नहीं बल्कि हिंदू, मुस्लिम तथा ईसाई लोग भी शामिल होते हैं। बैसाखी के दिन ही गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।

सिख धर्म भी हिंदू धर्म से निकली हुई एक शाखा है जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब के रूप में पवित्र पुस्तक और गुरु नानक देव की प्रतिमा को पूजक चिन्ह के रूप में माना जाता है।

सिख समुदाय बैसाखी पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि उनके लिए उसका महत्व बहुत ही अधिक है। सबसे मुख्य कारण सिख समुदाय के लोगों की एकता को बढ़ाना है।

सिर्फ यही नहीं बैसाखी को नए साल के रूप में तथा फसल कटाई के समय के रूप में भी मनाया जाता है और इस दिन सभी मिलकर इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं।

बैसाखी त्योहार क्या है? What is the Baisakhi festival in Hindi?

सिख संप्रदाय के स्थापना से पहले यह धर्म पूरे भारत के सनातन समुदाय मनाया करते थे क्योंकि बैसाखी  के भौगोलिक व आध्यात्मिक दोनों महत्व हैं। 

बैसाखी को सिक्खों के गुरु अमर दास द्वारा एक मुख्य सिख त्योहार के रूप में शामिल किया गया था इसी दिन दसवें सिख गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की नींव रखी थी और विदेशी मुगल लुटेरों को भारत से उखाड़ फेंकने का प्रण लिया था। 

बैसाखी त्यौहार मूलतः सभी दुखों को भूलकर खुशी से एक साथ रहने का पर्व हैं। इस पर्व के पीछे दूसरा कारण खालसा पंथ का निर्माण है।

खालसा पंथ के लोगों ने मुगलों के छक्के छुड़ा दिए थे, खालसा पंथ के नाम से ही मुगल लुटेरे खौफ खाते थे। इस त्यौहार के दिन वे सभी उन सभी शहीदों को याद करते हैं।

बैसाखी क्यों मनाया जाता है? Why is Baisakhi celebrated?

बैसाखी मनाये जाने के पीछे बहुत से कारण है। पहला महत्वपूर्ण कारण है की इस दौरान फसल पूरी हो जाती है और देशभर के किसान इस दिन फ़सल को काटने का जश्न मनाते हैं। 

बैसाखी भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जानी जाती है लेकिन इसे मनाए जाने के तरीके में कोई बदलाव नहीं होता। जैसे कि असम में इसे रोंगली बीहु तथा ओडिशा में महा विश्व संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में पोहेला बोशाख या नाबा बारशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में उगादी

तुलू लोगों के बीच बिसू, कुमाऊं उत्तराखंड में बिखू या बिखौती, तमिलनाडु में पुथंडू, केरल में विशु के नाम से मनाया जाता है।

इनमें से कुछ का जश्न बैसाखी के ही दिन मनाया जाता है जब कुछ का एक-दो दिन बाद मनाया जाता है।

इसे नए साल के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है तथा पंजाब हरियाणा के किसानों के द्वारा यह फसल कटाई के उपलक्ष में मनाया जाता है।

बैसाखी कब है? When is Baisakhi in Hindi?

बैसाखी पर्व हर साल अप्रैल महीने में मनाया जाता है। इस वर्ष बैसाखी 13 अप्रैल को पड़ रहा है। बैसाखी के दिन भी एक खास मुहूर्त निश्चित होता है। जिस पर फसल कटाई और कीर्तन का आयोजन किया जाता है।

बैसाखी त्योहार का महत्व Importance of Baisakhi festival in Hindi

बैसाखी त्योहार को नए साल के उपलक्ष के रूप में मनाया जाता है और दूसरी तरफ खालसा पंथ के स्थापना के रूप में भी इसका विशेष महत्व है।

जब घड़ी तथा कैलेंडर का चलन इतना नहीं था तब त्योहारों के माध्यम से ही विशेष समय को पहचाना जाता था और प्राकृतिक रूप से बैसाखी के समय अधिकतर फसलें पक चुकी होती हैं।

इसलिए किसानों के लिए बैसाखी पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है।

यह दिन सिखों के लिए इसलिए भी विशेष है। क्योंकि इसी दिन नौवें सिख गुरु तेग बहादुर के निष्कासन के बाद, सिख आदेश की शुरुआत हुई थी, जिन्होंने मुगल लुटेरे औरंगज़ेब के इस्लाम को कबूलने के आदेश को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद उनके दसवें गुरु के राज्याभिषेक और खालसा पंथ का गठन किया गया।

त्योहारों के माध्यम से किसी भी समुदाय को एकत्रित और संगठित होने किसी को मिलती है। इसलिए बैसाखी के माध्यम से हिंदू तथा सिख समुदाय आपस में एकता बढ़ाते हैं और अपने धर्म रक्षा मातृभूमि के लिए सर्वस्व देने की भावना को जगाते हैं।

सिख समुदाय अपने त्याग और दान प्रवृत्ति के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इसलिए बैसाखी के दिन धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति अपने धर्म के प्रचार का कार्य करते हैं। 

बैसाखी का उत्सव कैसे मनाया जाता है? How is Baisakhi celebrated in Hindi? 

बैसाखी पर्व के दिन नदियों तालाबों के किनारे मेले लगाने का भी रिवाज है क्योंकि इससे लोगों का मिलन तो होता ही है साथ ही ग़रीबों को रोज़गार भी मिलता है। बैसाखी के दिन लगने वाले मेलों में बहुत ही रौनक होती है।

बैसाखी पर्व की शाम को सामूहिक नृत्य का कार्यक्रम होता है। जिसमें बच्चे-बूढ़े सभी झूमते हैं। हाथों में डंडे लिए तथा पारंपरिक सिख पोशाक धारण कर गोले बनाकर समूह में नाचते हैं तथा ख़ुशियाँ मनाते हैं।इस दिन ढोल नगाड़ों के कारण से नगर की रौनक देखने लायक ही होती है। 

बैसाखी पर्व के दिन समस्त उत्तर भारत की पवित्र नदियों में स्नान करने का माहात्म्य माना जाता है। बैसाखी के पर्व पर लोग नए कपड़े धारण करते हैं। वे घर में हलवा एवं अन्य प्रिय व्यंजनों को बनाते हैं। 

जहाँ बैसाखी का मेला और जुलूस दुनिया भर के कई स्थानों पर आयोजित किया जाता है वहीँ स्वर्ण मंदिर में मनाए जाने वाले जश्न के आगे सभी फीके पड़ जाते हैं।

बैसाखी मेला Baisakhi fair in Hindi

बैसाखी का मेला देखने पूरे भारत से लोग आते हैं। सिर्फ भारत में ही नहीं केनेडा में रहने वाले पंजाबी भी वहाँ भव्य झांकी निकालते हैं जो देखते ही बनता है।

बैसाखी का मेला बड़ी-बड़ी नदियों के किनारे लगता है जिसमें सभी प्रकार के लोग बेझिझक घूमते फिरते तथा मौज करते हैं।

मेले में हर जगह कोई ना कोई भांगड़ा नृत्य करते जरूर पाया जाता है और जो नृत्य को देखता है वह भी इनके साथ झूमने से खुद को नहीं रोक पाता।

 मेले में बहुत सी जगह गुरु नाम तथा कीर्तन गाते सिख समूह पाए जाते हैं जो अपने भाव भक्ति से अपने गुरु को याद करते हैं।

बैसाखी पर 10 वाक्य 10 Lines on Baisakhi in Hindi

  1. जब सिख धर्म के दसवे गुरु गोविन्द सिंह ने खालसा पंथ की नीव रखी थी, उसी दिन से खालसा पन्थ की शुरुआत हुई थी
  2. बैसाखी, जिसे वैसाखी या वसाखी भी कहा जाता है, हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है।
  3. बैसाखी के दिन को सभी सिख लोग अपने नव वर्ष के रूप में भी मनाते हैं।
  4. यह त्यौहार को हमारे देश भारत में सबसे ज्यादा पंजाब में और हरियाणा राज्य में मनाया जाता है
  5. बैसाखी फसलों की कटाई का जश्न मनाने का भी समय है।
  6. बैसाखी का त्यौहार मनाने के लिए हर शहर शहर या मुहल्ले में एक मेला लगता है।
  7. बैसाखी पर्व को गुरु अमर दास द्वारा एक मुख्य सिख त्योहार के रूप में शामिल किया गया था।
  8. बैसाखी मेले में लोक-नृत्य का प्रदर्शन भी किया जाता है।
  9. बैसाखी त्यौहार मूलतः  सभी दुखों को भूलकर खुशी से एक साथ रहने का पर्व हैं।
  10. बैसाखी पर्व यह हमें एक साथ मिलजुल कर तथा संगठित रहने की प्रेरणा देता है। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने बैसाखी पर निबंध बेहद सरल भाषा में पड़ा आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा अगर या लेख आप को मददगार साबित हुआ हो तो इसे शेयर जरूर करें। 

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