आज हम इस आर्टिकल में बाल मजदूरी पर निबंध (Essay on Child Labour in Hindi) 1000 शब्दों में लिखा है जिसमे हमने प्रस्तावना,बाल श्रम का प्रारंभ,अशिक्षित वर्ग,बाल मजदूरी के कारण, भारत के सविधान मे व्यवस्था,बाल मजदूरी एक वयस्क समस्या,बाल मजदूरी को रोकने के उपाय के बारे मे बताया है।
प्रस्तावना (बाल मजदूरी पर निबंध Essay on Child Labour in Hindi)
किसी भी क्षेत्र में बच्चों द्वारा आपने बचपन में दी गई सेवा को बाल मजदूरी कहते हैं। जिम्मेदार माता-पिता की वजह से, या कम लागत में निवेश पर अपने फायदे को बढ़ाने के लिए मालिकों द्वारा जबरदस्ती बनाए गए दबाव की वजह से जीवन जीने के लिए जरूरी संसाधनों की कमी के चलते यह बच्चों द्वारा स्वत: किया जाता है, इसका कारण मायने नहीं रखता क्योंकि सभी कारकों की वजह से बच्चे बिना बचपन के अपना जीवन जीने को मजबूर होते हैं।
बचपन सभी के जीवन में विशेष और खुशी का पल होता है जिसमें बच्चे प्रकृति प्रियजनों और अपने माता पिता के जीवन जीने का तरीका सीखते हैं। सामाजिक बौद्धिक शारीरिक और मानसिक सभी दृष्टिकोण से बाल मजदूरी बच्चों की वृद्धि और विकास में बाधा का काम करती है।
बाल श्रम का इतिहास History of Child Labour in Hindi
बाल श्रम का प्रारंभ है औद्योगिक की क्रांति की शुरुआत से ही मानी जाती है। कार्ल मार्क्स ने कम्युनिस्ट घोषणापत्र में मौजूदा स्वरूप में बाल श्रम की बात कही थी। 1990 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका एवं सोमालिया को छोड़कर अन्य सभी देशों ने बाल अधिकार सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए।
बाल मजदूरी भारत में बड़ा सामाजिक मुद्दा बनता जा रहा है। जिसे नियमित आधार पर हल करना चाहिए। यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि इसे सभी सामाजिक संगठनों, मालिकों और अभिभावकों द्वारा भी सम्मानित करना चाहिए।
यह मुद्दा सभी के लिए है जो कि व्यक्तिगत तार पर सुलझाना चाहिए, क्योंकि यह किसी के भी बच्चे के साथ भी हो सकता है।
अशिक्षित वर्ग Illiterate class in Hindi
भारत में जनसंख्या का एक बड़ा वर्ग अशिक्षित है, जिसके दृष्टिकोण में शिक्षा ग्रहण करना अधिक आवश्यक है धन कमाना जिससे बाल श्रम को बढ़ावा मिलता है। बड़ा और संयुक्त परिवार होने से परिवार के कम ही लोगों को रोजगार मिल पाता है। फलस्वरूप बच्चों को काम करने के लिए विवश होना पड़ता है।
इसके अतिरिक्त समाज के स्वार्थी तत्व और गलत तरीके से अधिक हितों की पूर्ति करने वाले व्यवसायिक संगठनों के द्वारा जानबूझकर प्रतिकूल स्थिति पैदा कर दी जाती है, ताकि उन्हें सस्ती मजदूरी पर बिना विरोध के काम करने वाले बाल श्रमिक आसानी से मिल जाए।
बाल मजदूरी के कारण Reasons Behind Child Labour in Hindi
- गरीबी के कारण गरीब माता-पिता अपने बच्चे को घर- घर और दुकानों में काम करने के लिए भेजते हैं।
- दुकान और छोटे व्यापारी भी बच्चों से काम तो बड़े लोगों की जितना ही करवाते हैं परंतु दाम उनसे आधा देते हैं क्योंकि वह बच्चे हैं।
- व्यापार में उत्पादन लागत कम लगने के लोभ में भी कुछ व्यापारी बच्चों का जीवन बर्बाद कर देते हैं।
- बच्चे बिना किसी लोग के मन लगाकर काम करते हैं।
भारत के संविधान में व्यवस्थाएं Arrangements in the Constitution of India in Hindi
- बाल श्रम को रोकने या हतोत्साहित करने के लिए विभिन्न अवस्थाएं की गई हैं जैसे 14 वर्ष से कम उम्र के किसी बालक को कारखाने में काम करने के लिए या किसी जोखिम वाले रोजगार में नियुक्त नहीं किया जाएगा।
- (धारा 24), बाल्यावस्था और किशोरावस्था को शोषण तथा नैतिक एवं भौतिक परित्यक्ता से बताया जाएगा।
- (धारा 39Af), संविधान के प्रारंभ होने से 10 वर्ष की अवधि में सभी बालकों की, जब तक वे 14 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं कर लेते हैं राज्य निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था करने का प्रयत्न करेगा।
वर्ष 1987 में राष्ट्रीय बाल श्रम नीति तैयार की गई, जिसके अंतर्गत जोखिम भरे व्यवसाय में कार्यरत बच्चों के पुनर्वास पर जोर दिया गया।
वर्ष 1986 में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए उस फैसले ने बालश्रम के विरुद्ध कार्रवाई में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसमें संघिय एवं राज्य सरकारों को जोखिम भरे व्यवसायों में काम करने वाले बच्चों की पहचान करने, उन्हें काम से हटाने एवं शिक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया गया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 28 अगस्त 2012 को बाल श्रम अधिनियम 1986 में संशोधन की मंजूरी दी गई।
- इस अधिनियम में संशोधन के द्वारा गैर जोखिम भरे कार्य में भी 14 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों को काम पर लगाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गैया है।
- इस अधिनियम के अनुसार 14 से 18 वर्ष के बच्चों को किशोरावस्था की श्रेणी में रखा गया और जोखिम वाले उद्योग धंधों में काम करने वालों की न्यूनतम 18 वर्ष कर दी गई।
- इसमें बाल श्रम का संगे अपराध कानून के उल्लंघन करने वाले की सजा 1 वर्षों से बढ़कर 2 वर्ष साथ-साथ जुर्माना की रकम 20,000 से बढ़कर 50,000 कर दी गई।
इन सब के बावजूद भी आज हमारे देशों में बाल श्रमिकों की संख्या आज भी करोड़ों में है।
बाल मजदूरी एक बड़ी समस्या Child labour an big problem in Hindi
बाल मजदूरी एक व्यस्त समस्या है जो विकासशील देशों में बेहद आम है। माता पिता यह गरीबी रेखा से नीचे के लोग अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च बाहर नहीं कर पाते हैं और जीवन यापन के लिए जरूरी पैसा भी नहीं कमा पाते हैं।
इसी वजह से वह अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय कठिन श्रम में शामिल कर लेते हैं। वे मानते हैं कि बच्चों को स्कूल भेजना समय की बर्बादी है और कम उम्र में पैसा कमाना परिवार के लिए अच्छा होता है। बाल मजदूरी के बुरे प्रभावों से गरीबी के साथ साथ अमीर लोग को भी तुरंत अवगत कराने की जरूरत है।
उन्हें हर तरह के साधनों की उपलब्धता कराने चाहिए जिनकी उन्हें कमी है। अमीरों को गरीबों की मदद करनी चाहिए जिससे उनके बच्चे सभी जरूरी चीजें अपने बचपन में पा सके। इसे जड़ से मिटाने के लिए सरकार को कड़े नियम और कानून बनाने चाहिए।
बाल मजदूरी को रोकने के उपाय Measures to Stop Child Labour in Hindi
बाल मजदूरी के लिए मजबूत तथा कड़े नियम कानून बनाने चाहिए जिससे कोई भी बाल मजदूरी करवाने से डरे। आम आदमी को भी बाल मजदूरी के विषय में जागरूक होना चाहिए और अपने समाज में होने से रोकना चाहिए।
गरीब माता-पिता को भी अपने बच्चों की शिक्षा में पूरा ध्यान देना चाहिए क्योंकि आज सरकार मुफ्त शिक्षा खाना और कुछ स्कूलों में दवाइयों जैसे चीजों की भी सुविधा प्रदान की है।
कारखानों और दुकानों के लोगों को प्रण लेना चाहिए कि वह किसी भी बच्चे से मजदूरी नहीं करवाएंगे और काम करवाने वाले लोगों को रोकेंगे।
निष्कर्ष Conclusion
वास्तव में हम सोचते हैं कि इस तरह की सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने का सिर्फ सरकार का दायित्व है। सब कुछ कानूनों के पालन एवं कानून भंग करने वालों को सजा देने में सुधार जाएगा, लेकिन यह असंभव है।
हमारे ढाबों में, होटलों में अनेक प्रकार के श्रमिक मिल जाएंगे जो कड़ाके की ठंड से या तपती धूप की परवाह किए बगैर काम करते हैं।बाल मजदूरी को रोकने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा।
आशा करती हूं आप सभी को बाल मजदूरी पर यह निबंध पर बनाया होगा यदि आपको इसी तरह की जानकारी प्राप्त करनी है तो हमारे साथ जुड़े रहिए।
धन्यवाद