इस लेख में भ्रष्टाचार पर निबंध (Essay on Corruption in Hindi) लिखा गाय है जिसमें हमने प्रस्तावना, भ्रष्टाचार के विविध रूप, कारण, निवारण, भ्रष्टाचार पर 10 लाइन के बारे में बताया है।
प्रस्तावना (भ्रष्टाचार पर निबंध Essay on Corruption in Hindi)
भ्रष्टाचार दो शब्दों से मिलकर बना है भ्रष्ट और आचार। भ्रष्ट का अर्थ है बिगड़ा हुआ या खराब तथा आचार का अर्थ है अच्छा आचरण या व्यवहार है।
इस प्रकार किसी व्यक्ति के द्वारा अपनी गरिमा से गिरकर किया हुआ कार्य भ्रष्टाचार है। भ्रष्टाचार पूरे विश्व में बहुत ही तेजी से फैल रहा है। भारत के साथ-साथ अब यह अन्य देशों को भी दीमक की तरह खाते जा रहा है।
भ्रष्टाचार के विविध रूप Types of Corruption in Hindi
वर्तमान में भ्रष्टाचार के जड़ व्यापक रूप से बहुत ही तेजी से फैले हुए हैं इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
रिश्वत लेना– किसी भी कार्य को शीघ्र से, बिना जांच पड़ताल, नियम विरुद्ध, पैसे ले कर करने के काम को रिश्वत लेना कहलाता है। भ्रष्टाचार का रूप पूरी दुनिया मे फैल चुका है।
भाई-भतीजावाद– अपने पद और सत्ता का गलत उपयोग करके लोग भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हैं। इसमें वह अपने सगे संबंधी जो उसके लायक नहीं होते है उसे वह पद दे देते हैं, जिससे योग्य व्यक्ति का हक छीन जाता है। यह भ्रष्टाचार का एक बड़ा रूप है।
कमीशन- आज हर क्षेत्र में कमीशन देना पड़ता है जैसे स्कूलों में दाखिला के लिए कमीशन, सड़क बनने के लिए कमीशन, कहीं पर कोई बिल्डिंग बनाना है तो कमीशन। यानी की सुविधा प्रदाता द्वारा आपके लाभ में से कुछ प्रतिशत ले लेता है उसे ही कमीशन कहते हैं। वर्तमान में सरकारी, अर्द्ध सरकारी, ठेके के कार्य में कमीशन बाजी बहुत ही अधिक हो रही है। इसके कारण समाज में कोई भी काम से नहीं हो पा रहा है।
शोषण- शोषण भ्रष्टाचार का नवीन रूप है। कोई शक्तिशाली व्यक्ति किसी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के जरिए उसके मजबूरी का फायदा उठाकर उसका शोषण करता है शोषण कहलाता है।
भ्रष्टाचार के कारण Reasons of Corruption in Hindi
भ्रष्टाचार के कारण निम्नलिखित है–
- महंगी शिक्षा– महंगी शिक्षा भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक अच्छी तनखा पाने के बाद भी अच्छे से नहीं पढ़ा रहे हैं और दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों की फीस इतनी महंगी हो गई है की देश के गरीब की बात तो दूर मध्यम धर्मिय परिवार के लिए भी पढ़ाना मुश्किल हो गया है। ऐसे में निरक्षरता देश में तेजी से पैर पसार रहा है।
- लाचार न्याय व्यवस्था– लाचार न्याय व्यवस्था भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। ऐसे कई लोग हैं जो अरबों रुपए का घोटाले कर देते हैं और अपने धनबल के सहारे वह हर कानून व्यवस्था को खरीद लेते हैं। इससे कई मासूम और लोगों का जीवन बर्बाद हो जाता है।
- जागरूकता का अभाव – लोगों में जागरूकता की कमी के कारण भ्रष्टाचार हो रहा है। सरकारी अधिकारी से लेकर व्यापारी तक छोटे मासूम लोगों को ठग कर उनसे उनका काम करवाने के लिए पैसे ले लेते हैं।
- चारित्रिक पतन व जीवन मूल्यों का ह्रास– जैसे पहले का व्यक्ति अपने धर्म को मानता था। धर्म की राह पर ही चल कर वह सारे काम करता था। वह घुस भी लेता था तो कुछ हद तक लेता था, लेकिन आज हमारे जीवन मूल्यों में कमी आई है।
भ्रष्टाचार का निवारण Prevention of Corruption in Hindi
- जन आंदोलन– भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सबसे पहले हमें जन आंदोलन करना होगा जिससे हम लोगों को जागरूक कर सके और उनके अधिकार के लिए उन्हें लड़ना सिखा सकें तभी हम भ्रष्टाचार को रोक सकते हैं।
- कठोर कानून बनाया जाए– इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कठोर से कठोर कानून बनाने जाएं। हर व्यक्ति को पता होना चाहिए कि जो व्यक्ति भ्रष्टाचार करेगा वह सजा का हक़दार होगा, तभी वह अनुचित कार्य करने से पहले एक बार जरूर सोचेगा। भ्रष्टाचार करने वाले व्यक्ति को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए, इसीलिए कानून के हाथ भी लंबे और कठोर करने चाहिए।
- निशुल्क उच्च शिक्षा– व्यक्ति को निशुल्क शिक्षा प्राप्त हो और वह उच्च पद पर बिना कोई घुस दिए आसीन हो जिससे भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
- पारदर्शिता– भारत के प्रत्येक कार्यालय में पारदर्शिता होनी चाहिए तभी भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है। गोपनीयता के नाम पर ही भ्रष्टाचार होता है। हर चीज को गोपनीय रखना है भ्रष्टाचार है।
- कार्य स्थल पर व्यक्ति की सुरक्षा व संरक्षण– कार्य स्थल पर व्यक्ति को अपने कार्य को पूरी ईमानदारी से पूरा करने के लिए उसे सुरक्षा मिले तभी वहां निडर होकर अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी के साथ कर सकेंगे। यदि कोई उसे डराता है धमकाता है गलत काम करने के लिए, तो उसे यह लगे कि उसके पास सुरक्षा हो जिससे वह निडर होकर अपना काम कर सके।
- नैतिक मूल्यों की स्थापना– जब तक नैतिक मूल्यों की स्थापना नहीं होगी तब तक भ्रष्टाचार को रोकना बहुत ही कठिन होगा। यह नैतिकता समाज और परिवार से ही उत्पन्न होती है। इसके लिए समाज सुधारकों और प्रचारकों के साथ-साथ शिक्षक वर्ग को भी आगे आना है।
- दफ्तरों में लोगों की कमी ना हो– अक्सर देखा जाता है कि जिस दफ्तरों में लोगों की आवश्यकता होती है वहां कम लोगों को नियुक्त किया जाता है जिसके कारण काम करने में उन्हें परेशानी होती है। वह अपना काम नहीं कर पाते हैं। जिससे अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है पहले आम आदमी का काम आसानी से पूर्ण हो जाता है पर दूसरे आदमी का काम को कराने के लिए लोग भ्रष्टाचार का रास्ता अपनाते हैं।
- सभी कार्यालयों और दफ्तरों में कैमरे लगाए जाएं– सभी कार्यालय और दफ्तरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए जिससे वहां पर काम करने वाले कर्मचारियों पर निगरानी रख सके। जिससे वहां घुस लेने को डरे तथा अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी के साथ करें।
भ्रष्टाचार पर 10 लाइन 10 Line on Corruption in Hindi
- भ्रष्टाचार दो शब्दों से मिलकर बना है भ्रष्ट और आचार। भ्रष्ट का अर्थ है बिगड़ा हुआ या खराब तथा आचार का अर्थ है आचरण।
- किसी भी व्यक्ति के द्वारा अपनी गरिमा से गिरकर किया हुआ कार्य भ्रष्टाचार कहलाता है।
- भ्रष्टाचार वर्तमान में बहुत ही व्यापक रूप से फैल गया है।
- भ्रष्टाचार भी आतंकवाद और देशद्रोह के समान है।
- यह एक बहुत ही बड़ा अपराध है जिसके कारण देश के आर्थिक स्थिति पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है।
- भ्रष्टाचार में कमी ना दिखने का कारण यह है कि भ्रष्टाचार आप सभी की आदत सी बन चुकी है।
- भ्रष्टाचार के कारण ही सरकार द्वारा किए गए कई कार्य आज भी पूर्ण नहीं हो पा रहा है।
- अपने पद और सत्ता का गलत उपयोग करके लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
- भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार को कड़ी से कड़ी नियम बनाना होगा सभी भ्रष्टाचार को रोक सकते हैं।
- भ्रष्टाचार पूरे विश्व को दीमक की भांति खाते जा रहा है।
निष्कर्ष Conclusion
भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत ही मजबूत है इसे दूर करने के लिए जन आंदोलन चलाया जाए, अच्छे कानून बनाए जाएं तभी हम भ्रष्टाचार को दूर कर सकते हैं। इससे पूरे देश को अंदर ही अंदर खोखला करते जा रहा है।
हमें ना ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना चाहिए और ना ही भ्रष्टाचार में भागीदारी देना चाहिए। यदि आपको हमारा यह लेख भ्रष्टाचार पर निबंध (Essay on Corruption in Hindi) अच्छा लगा हो तो हमें कमेंट करें धन्यवाद।