इस लेख में चक्रवाती तूफान पर निबंध (Essay on Cyclonic storm in Hindi) बेहद सरल रूप से लिखा गया है। दिए गए निबंध में चक्रवाती तूफान की परिभाषा तथा आने के कारण व प्रभाव साथ ही चक्रवाती तूफान से बचाव के उपाय इस निबंध में दिया गया है।
प्रस्तावना (चक्रवाती तूफान पर निबंध Essay on Cyclonic storm in Hindi)
तूफान यह एक प्राकृतिक घटना है। जिसमें हवाओं के असंतुलन के कारण अनियमित दबाव बनता है। दबाव के बढ़ने से पवन गतिज ऊर्जा धारण कर लेता है तथा रास्ते में पड़ने वाले सभी चीजों को अपने चक्र में समाहित कर लेता है।
मौसम विज्ञान में चक्रवात तरल के साथ पृथ्वी के समान घूमने लगता है इसकी अंतः ऊर्जा बेहद बलशाली होती है। आधुनिक विज्ञान में चक्रवाती तूफान का पहले से पता लगाने वाली मशीनें बन चुकी है। उपग्रहों के माध्यम से पृथ्वी तथा समुद्रों के दबाव का आकलन कर यह तकनीकें तूफान का सटीक अंदाजा लगा सकती हैं।
चक्रवाती तूफान सिर्फ पृथ्वी पर ही नहीं वरन मंगल, गुरु तथा शुक्र ग्रह पर भी देखे जाते हैं। पृथ्वी पर तूफान आना यह प्राकृतिक घटना नहीं रह गई बल्कि दूषित वातावरण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण हवा का कहीं भी अनियमित दबाव बनने लगता है।
हाल में ही आए अम्फान तूफान से भारी तबाही हुई जिसमें सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो गई थी तथा हजारों लोग बेघर हो गए थे। साथ ही कई करोड़ों की सरकारी संपत्ति का नाश भी हुआ।
हालांकि चक्रवात पर मनुष्य का कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन अगर मनुष्य प्रकृति के प्रति अपनी उदासीनता को त्याग कर अपनी सुरक्षा के इंतजाम स्वयं जुटाए तो खतरा कई गुना कम हो सकता है।
चक्रवाती तूफान क्या है? What is a Cyclonic Storm in Hindi?
जब वायुमंडल का दबाव कम होता है तब उसके चारो ओर गर्म हवा की तेज आधी आती है, जिसे चक्रवाती तूफ़ान कहते हैं। दक्षिणी गोलार्ध में इन गर्म हवाओं को चक्रवात के नाम से जानते हैं और ये क्लोक वाइज यानि घड़ी की सुई की दिशा में चलते हैं।
उत्तरी गोलार्ध में इन गर्म हवाओं को हरीकेन या टाइफून के नामों से जानते हैं। हरिकेन या टाइफून घड़ी की सुई के विपरीत दिशा में चलते हैं।
चक्रवाती तूफान के 6 प्रकार होते हैं। ध्रुवीय चक्रवाती तूफान, ध्रुवीय निम्न दबाव के चक्रवाती तूफान, अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान, अंत:उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान, उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान और मेसोसाईंक्लोनेस।
ध्रुव प्रदेशों में आने वाले तूफान को द्रव्य चक्रवाती तूफान कहते हैं। जब तूफान निम्न दबाव के साथ आगे बढ़ते हैं तो उन्हें ध्रुवीय निम्न दबाव के चक्रवाती तूफान कहा जाता है।
जब उसमें कटिबंध के सीमाओं पर दबाव बनता है तथा तूफान कसक ले लेता है तो उसे उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान कहते हैं। उष्णकटिबंधीय तूफानों में उनके दबाव के कारण उन्हें तीन अलग नामों से भी जाना जाता है।
चक्रवाती तूफान आने के कारण Reasons of Coming Cyclonic Storms
गर्म इलाकों में मौसम की गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायुदाब का क्षेत्र बनाती है। हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है और ऊपर की नमी से मिलकर संघनन से बादल बनाती है।
इस वजह से बने खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है। जब हवा बहुत तेजी से उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमती है तो घने बादलों और बिजली के साथ मूसलाधार बारिश करती है। तेज घूमती इन हवा के क्षेत्र का व्यास हजारों किलोमीटर हो सकता है।
चक्रवाती तूफान आने के कारणों में सबसे मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में असंतुलन व अनियमितता आती है। जिसके कारण वातावरणीय दबाव अनिश्चित व अनियमित होने लगता है।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियरों का पिघलना भी चक्रवाती तूफानों के आने का मुख्य कारण है। ग्लेशियरों के पिघलने के कारण समुद्र अपनी सतह से ऊंचा उठने लगता है और गर्म हवाओं के संपर्क में आकर भयानक रूप धारण कर लेता है।
वनों का आच्छादन, इन तूफानों के कारणों में शामिल है क्योंकि वृक्ष वातावरण में संतुलन बनाए रखते हैं। एक ओर जमीन का कटाव रोकते हैं तो दूसरी ओर ऋतु चक्र को संतुलित रखते हैं।
चक्रवाती तूफान के प्रभाव Impact of Cyclonic Storms in Hindi
किसी भी प्राकृतिक आपदा से सजीव और निर्जीव दोनों का नुकसान होता है। चक्रवाती तूफान के प्रभाव से लोग अपने आवास को छोड़ अन्य जगहों पर विस्थापित हो जाते हैं। जंगली जीव-जंतु प्राण गवा देते हैं।
जिन लोगों की आजीविका जंगलों पर निर्भर होती है। वे लोग बेरोजगार हो जाते हैं। चक्रवाती तूफान से अगर सबसे ज्यादा किसी को नुकसान होता है, तो वह किसान है। तूफान के एक छोटे से झोंके से ही फसलें बर्बाद हो जाती हैं।
चक्रवाती तूफान से यातायात तथा जन-संपर्क टूट जाता है। जिससे लोगों तक पहुंचना व उन्हें सही सलामत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
एक तरफ प्राकृतिक संसाधन जैसे झील तालाब नदियां यह सभी चक्रवाती तूफान के कारण प्रदूषित हो जाती है। चक्रवाती तूफान के बाद धन का एक बड़ा हिस्सा इन्हें साफ करने में लगाना पड़ता है।
चक्रवाती तूफान से लोगों की निजी संपत्ति के साथ सरकारी संपत्तियों को भी भारी क्षति पहुंचती है। मात्र कुछ घंटों के चक्रवाती तूफान से हजारों करोड़ों का नुकसान हो जाता है।
भारत के तटवर्ती इलाके विशेषकर ओडिशा, गुजरात, आंध्र प्रदेश ,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक महाराष्ट्र और गोवा चक्रवाती तूफान से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
भारत में आई बाढ़ और चक्रवाती तूफान अम्फान को 2020 में आई दुनिया की 10 सबसे महंगी आपदाओं की लिस्ट में शामिल किया गया है। इन दोनों से करीब 1,69,208 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
चक्रवाती तूफान से बचाव के उपाय (प्रबंधन) Prevention Measures for Cyclonic Storm in Hindi
चक्रवाती तूफान आने पर नुकसान की मात्रा बहुत अधिक होती है लेकिन अगर पहले से सतर्क रहा जाए तो नुकसान की मात्रा कम की जा सकती है। चक्रवाती तूफान के आगाही पर समुद्री तटों पर रहने वाले लोगों को सबसे पहले विस्थापित कर देना चाहिए।
नदियों जलाशयों के पास रहने वाले लोगों को किन्हीं सुरक्षित जगहों पर विस्थापित कर देना चाहिए। क्योंकि चक्रवाती तूफान नदियों के संपर्क में आने पर भयानक हो जाता है।
प्रशासन को पहले से ही सक्रिय होना चाहिए तथा बिजली विभाग, जल विभाग तथा आपातकालीन खाद्य आपूर्ति विभाग को तूफान से पहले तैयार रहना चाहिए।
चक्रवाती तूफान आने से पहले जरूरी दवाइयां, अनाज तथा पानी को सुरक्षित कर लेना चाहिए। तूफान के समय कहीं भी आने-जाने से बचना चाहिए तथा टेलीविजन, रेडियो या इंटरनेट के माध्यम से रक्षा स्त्रोत से संपर्क बनाए रखना चाहिए।
चक्रवाती तूफान के समय पशुओं को बांधकर नहीं रखना चाहिए तथा जितना हो सके उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहले ही पहुंचा देना चाहिए।
अपने जरूरी कागजात को प्लास्टिक की थैली में पैक कर सुरक्षित रख लेना चाहिए। प्राकृतिक आपदाओं कि पहले से तैयारी कर बचा जा सकता है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने चक्रवाती तूफान पर निबंध (Essay on Cyclonic storm in Hindi) हिंदी में पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा हो पूनम अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।
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