इस लेख में हमने भारत की राजधानी दिल्ली पर निबंध (Essay on Delhi in Hindi) लिखा है। अगर आप राजधानी दिल्ली पर निबंध की तलाश कर रहें हैं तो यह लेख आपकी बेहद अधिक सहायता कर सकता है।
इस लेख में दिल्ली का इतिहास और दिल्ली से जुड़ी मुख्य बातें साथ ही दिल्ली के पर्यटन स्थल को बेहद आकर्षक रूप से शामिल किया गया है।
प्रस्तावना (भारत की राजधानी दिल्ली पर निबंध Essay on Delhi in Hindi)
भारत का इतिहास बहुत ही प्राचीन और गौरव से भरा हुआ है। लेकिन हर काल में देश तथा राज्य की राजधानियों का निर्माण व चुनाव एक मुख्य कामों में से एक रहा है।
भारत की आधुनिक राजधानी दिल्ली को कहा जाता है। दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने के पीछे कई सारे उद्देश्य थे। पहला की दिल्ली भौगोलिक तथा आर्थिक दृष्टि से पहले से ही संपन्न थी और दूसरा की इसके माध्यम से सभी राज्यों का जुड़ाव बेहद आसानी से हो जाता था।
दिल्ली का वास्तविक नाम “इन्द्रप्रस्थ” था जिसका उल्लेख कई ग्रंथों में देखने को मिलता है। आज़ादी के पहले भारत की राजधानी के रूप में कोलकाता को जाना जाता था। लेकिन 1911 में अंग्रेजी हुकूमत ने इसे बदलकर दिल्ली को राजधानी का दर्ज़ा दिया था।
मुग़ल काल के लुटेरे मुहम्मद गौरी से अकबर और अंग्रेजी हुकूमत तक दिल्ली को हर शाशकों ने अपनी आर्थिक राजधानी के रूप में तवज़्ज़ो जरुर दी।
आधुनिक समय में दिल्ली का स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है। राजनीतिक अस्थिरता के कारण दिल्ली देश के विकास में भागीदार नहीं बन सकी है और प्रदूषण के क्षेत्र में दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित शहरों में से एक माना जाता है।
भारत की राजधानी दिल्ली का इतिहास History of Delhi -The Capital of India in Hindi
भारत के दिल के रूप में जानी जाने वाली दिल्ली का इतिहास बेहद ही पुराना रहा है। दिल्ली रूपी दर्पण में भारत का पूरा प्रतिबिंब देखा जा सकता है।
मंगोलियन साम्राज्य के पहले से ही दिल्ली को पूरी दुनियाँ में सबसे अमीर सल्तनत माना जाता था। दिल्ली के जनक के रूप में पृथ्वीराज चौहान को जाना जाता है। जिसे जितने के लिए उन्होंने मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज से कई बार युद्ध किया था और पराजित हुआ था और अंततः छल से दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया था।
दिल्ली ने इतिहास के कई उतार चढ़ाव देखें है। कभी इसने चौहान का शौर्य और सुशासन देखा तो कभी गौरी छल और कायरता कभी दिल्ली इश्वर के चरण स्पर्श से धन्य हुई पाई तो कभी रक्तपात से नहाई है।
दिल्ली को पाने के लिए लुटेरों और बादशाहों ने अपनी पूरी ताक़त लगा दी थी। किसी ने दिल्ली को सवारा तो तैमुर और नादिरशाह जैसे लुटेरों ने लाखों लोगों का क़त्ल करवा इसे उजाड़ दिया।
अंग्रेजी हुकूमत ने अपने सारे भोग के साधन दिल्ली में स्थापित कर लिए थे और उनकी हर बड़ी पार्टियाँ दिल्ली में होने लगी थीं। लेकिन आज़ादी के समय यही दिल्ली क्रांतिकारियों के लिए एक केंद्र स्थल साबित हुई जहाँ से वे अपनी बात को पूरे देश के साथ साझा कर सकते थे।
आज़ादी के बाद दिल्ली का पुनरुद्धार किया गया इसे भारतीय राजनीति का केंद्रबिंदु भी बनाया गया। सन 1966 में दिल्ली को केन्द्रशासित प्रदेश के रूप में भारतीय गणतंत्र में शामिल किया गया।
सन 1991 में संविधान में उनहत्तरवां संशोधन करने के बाद दिल्ली भारत की राजधानी के रूप में पहचानी जाने लगी तथा प्रदेश में चुनी गई सरकार को पूरी तरह से राज्य की व्यवस्था चलने का कार्यभार दिया गया।
दिल्ली में ही देश की सर्वप्रथम मेट्रो रेल सेवा संचालित की गयी थी तथा दिल्ली का रेलवे स्टेशन दुनियाँ के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है।
राजधानी दिल्ली में बोली जाने वाली मुख्य भाषा Language Spoken in Delhi
भारत की आधुनिक राजधानी दिल्ली पर कई राजाओं तथा लुटेरों ने शासन किया है तथा उन्होंने अपनी प्रांतीय भाषाओं को इस पर थोपने की भरसक कोशिश की लेकिन वे सफल न हो सके।
दिल्ली में भारत के विभिन्न राज्यों के लोग बसते हैं। बगल में ही पंजाब व हरियाणा होने के कारण यहाँ पंजाबी, सिन्धी और हरियाणवी भी बोली जाती है।
उत्तर प्रदेश के लोगों की अधिकता होने से यहाँ एक बड़ा तबका भोजपुरी भी बोलता है। इसलिए कहा जा सकता है की राजधानी होने के कारण यहाँ बहुत सी भाषाएँ बोली जाती हैं। लेकिन दिल्ली की मुख्य भाषाओँ में हिंदी और पंजाबी को सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त है।
भारत की राजधानी दिल्ली की मुख्य बातें Important Things and Facts About Delhi in Hindi
दिल्ली प्राचीन काल से ही एक सक्षम राज्य रहा है और आज यह आधुनिक और विशाल नगर के रूप में जाना जाता है। यहाँ पर सड़कें तथा रेल यातायात साथ ही वायु यातायात बेहद सरल तथा सुगम बन चुकी हैं।
आधुनिकता के साथ दिल्ली का भी बदलाव हुआ है यहाँ पर ऑटोमेटिक मेट्रो रेल को स्थापित किया गया है जिसमें रोज लाखों लोग सफ़र करते हैं। जिससे उनके समय, श्रम व धन की बचत होती है।
दिल्ली में ऊँची-ऊँची इमारतों तथा मॉल्स की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली एक विश्व बाजार के रूप में उभरकर सामने आया है। जिससे लोगों को सभी जरुरी चीज़ें यहीं मुहैया हो जाती है।
देश की राजधानी होने के कारण यहां पर भारत सरकार का मुख्य कार्यालय है और देश की राजनीतिक बागडोर नियंत्रण के लिए संसद भवन भी है। दिल्ली में ही राष्ट्रपति भवन और कार्यालय भी है।
राष्ट्रपति भवन की सीध में इंडिया गेट परिसर है। इंडिया गेट भारत के शहीदों को समर्पित है। यहाँ भारत के लिए प्राण अर्पित करने वाले शहीदों के सम्मान में रात-दिन ज्योति प्रज्वलित रहती है । महत्वपूर्ण अवसरों पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति एवं रक्षा मंत्री यहाँ आते हैं तथा राष्ट्र की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
भारत के सबसे विकसित राज्यों में दिल्ली व मुंबई को शामिल किया जाता है इसलिए भारत के ग्रामीण क्षेत्रों से रोजी-रोटी की खोज में यहाँ पर हजारों लोग आते हैं। जिसके कारण यहाँ की आबादी लगभग सवा करोड़ हो चुकी है।
इतनी बड़ी आबादी के लिए बिजली, पानी,सड़क, और परिवहन का प्रबंध कर पाना एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रही है। उसके ही दुसरे पहलू के रूप में प्रदुषण दिल्ली की एक प्रमुख समस्या बन चुकी है
भारत की राजधानी दिल्ली के मुख्य पर्यटक स्थल Important Tourist Places in Delhi in Hindi
राजधानी दिल्ली यह प्रवासियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है यहाँ पर लालकिला, जामा मस्जिद तथा मुग़ल उद्यान जैसे मनोरंजक क्षेत्र भी है।
भारत के महान राजनेताओं की समाधियां भी दिल्ली में ही स्थित है। राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि स्थल है। शांतिवन में स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री और जवाहरलाल नेहरू की समाधि है।
विजय घाट पर भारत के उस वक़्त के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री जी की समाधी स्थली है। शक्ति स्थल में इन्दिरा गांधी की समाधि है। देश विदेश से आने वाले राजनेता व प्रवासी यहाँ पर श्रद्धा सुमन जरुर अर्पित करते हैं।
भारत की सबसे ऊँची मीनारों में से एक क़ुतुब मीनार भी दिल्ली में ही स्थित है। जिसे भारतीय कला का एक उत्तम नमूना माना जाता है। क़ुतुब मीनार के नजदीक ही मौर्यकालीन लौह स्तम्भ भी है जिसकी सबसे बड़ी खासियत है की इसमें कभी जंग नहीं लगती।
दिल्ली के मुख्य पर्यटक स्थल के रूप में बिड़ला मंदिर, कमल मंदिर, अक्षर धाम, छतरपुर मंदिर,पुराना किला और अप्पू किला लोगों के आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं।
कमल मंदिर एक शांत स्थल माना जाता है जिसे आधुनिक वास्तुकला का एक उत्तम नमूना माना जाता है। पुराने किले के रूप में पांडव काल के अवशेष देखे जा सकते हैं तथा जंतर-मंतर के रूप में पर्यटन के एक आदर्श क्षेत्र हैं।
दिल्ली में स्थित अप्पूघर यह बच्चों के लिए सबसे मनोरंजक स्थलों में से एक है तथा अप्पुघर के बगल में स्थित चिड़ियाघर लोगों के आकर्षण का केंद्र है।
राजधानी दिल्ली में उद्यानों की संख्या भी बेहद ज्यादा है। क्योंकि ग्रीष्म ऋतू में यहाँ बहुत ही ज्यादा गर्मी पड़ती है तो लोग इन्ही उद्यानों में जाकर उच्च तापमान से स्वयं की रक्षा करते हैं।
दिल्ली को भारत का छोटा स्वरूप भी कहा जा सकता है क्योंकि यहाँ पर विभिन्न संप्रदायों के लोग एक साथ रहते हैं
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने भारत की राजधानी दिल्ली पर निबंध (Essay on Delhi, the Capital of India in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको सरल तथा लाभदायक लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।