इस लेख में हमने भूकंप पर निबंध (Essay on Earthquake in Hindi) आकर्षक रूप से लिखा है। इस लेख में भूकंप क्या है तथा भूकंप आने के कारण साथ ही भूकंप से बचाव के उपाय सरल रूप में दिया गया है।
प्रस्तावना (भूकंप पर निबंध Essay on Earthquake in Hindi)
प्रकृति समय-समय पर स्वयं में परिवर्तन करती रहती है। जिसे हम भूकंप, बाढ़ तथा चक्रवात के रूप में देख सकते हैं। भूकंप आने के पीछे मनुष्य का पर्यावरण के तरफ उदासीन भाव भी होता है। आज मनुष्य स्वार्थवश प्रकृति का दोहन कर रहा है।
जब मनुष्य द्वारा या प्राकृतिक रूप से पर्यावरण में व्यतिरेक उत्पन्न होता है तब प्रकृति खुद को अपने मूल स्थिति में लाने के लिए भूकंप का सहारा लेती है।
भूकंप के कारण सजीव और निर्जीव दोनों की हानि होती है लेकिन मानव जाति कुछ ही दिनों में प्रकृति का दोहन फिर से शुरू कर देती है।
आज पर्यावरण दोहन अपने चरम पर है। वैज्ञानिकों ने एक स्वर में कहा है की आज के जितना प्रकृति दोहन पहले कभी नहीं हुआ है। जिसके कारण आज तापमान तेजी से बढ़ रहा है। असमय वर्षा और मौसम का बदलाव तथा भूकंप से बड़ी मात्रा में विनाश हो रहा है।
अगर प्रकृति के दोहन को रोक कर फिर से उसे पहले जैसा नहीं किया गया तो वह समय दूर नहीं जब धरती पर जीवन का नामोनिशान नहीं बचेगा।
भूकंप क्या है? What is Earthquake in Hindi?
जब धरती की प्लेटें आपस में टकराती हैं तब उनमें कंपन्न उत्पन्न होता है जिसे भूकंप कहा जाता है। भूकंप को सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है।
भूकंप के वक़्त होने वाले कंपन्न से बड़ी मात्रा में धन तथा जान माल का नुकसान होता है जिसकी भरपाई करने में काफी समय गुजर जाता है।
इसकी अधिक तीव्रता के कारण जमीन फट सकती है तथा हिमपर्वत भी पिघल सकते हैं जिसके कारण बाढ़ या सुनामी जैसे हालात भी बन जाते हैं।
भूकंप के चार प्रकार होते हैं। विवर्तनिक, ज्वालामुखी, विस्फ़ोट तथा पतन। विवर्तनिक प्रकार के भूकंप को सामान्य भूकंप कहते हैं। जब भूकंप का कंपन्न अधिक होता है तब उसके कंपन्न से ज्वालामुखी की परते खुल जाती है और ज्वालामुखी जागृत हो जाता है।
कई बार जब भूकंप आने के बाद धरती फट जाती है या किसी जगह से किन्ही गैस या तेल का प्रवाह निकलने लगता है, तो उसे विस्फ़ोटक प्रकार का भूकंप कहते हैं।
जब भूकंप के कारण समुन्द्र अपने स्तर से ऊँचा उठ जाता है और बड़ी-बड़ी लहरे उत्पन्न करने लगता है और सुनामी की शकल में सब कुछ तहस नहस कर देता है तो उसे पतन प्रकार के भूकंप के नाम से जाना जाता है।
भूकंप आने कारण Reasons of Earthquake in Hindi
पृथ्वी के अंदर कई प्रकार के तरल तथा पत्थर की प्लेटें समाई हुई हैं। जब यह प्लेटें टूटती हैं या अपने स्थान से खिसकती हैं, तो अचानक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है और फलस्वरूप उन दो चट्टानों के टकराने से एक कंपन्न उत्पन्न होता है जिसे भूकंप के नाम से जाना जाता है।
पृथ्वी एक निश्चित गति से सूर्य का चक्कर लगा रही है, साथ ही अपनी धुरी पर भी घूम रही है। लेकिन किन्हीं कारणवश इसकी प्राकृतिक बनावट में व्यतिरेक उत्पन्न होता है तो भूकंप आते हैं।
आज जिस प्रकार पेड़ों की कटाई हो रही है तथा प्रदूषण का स्तर बढ़ रहे हैं। यह सभी भी भूकंप के कारणों में शामिल हैं। पेड़ पौधे पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हैं। पेड़ों की जड़ें जमीन में समाई होती हैं जिसके कारण जमीन एक दूसरे से जकड़ी होती हैं।
वृक्ष वर्षा चक्र को बनाए रखते हैं जिसके कारण धरती पर अनुकूल समय पर बरसात होती है तथा भूगर्भ की गर्मी कम होती है। इसके कारण इंसान को पीने का पानी धरती के ऊपरी स्तर पर ही मिल जाता है और उसे जमीन को गहरा खोदने की जरूरत नहीं पड़ती।
पर्यावरण प्रदूषण के कारण अम्ल वर्षा तथा ग्लोबल वार्मिंग में बढ़ोतरी हो रही हैं। जिसके कारण पेड़ पौधों तथा जमीन को नुकसान हो रहा हैं। यह सभी कारण हैं जिससे भूकंप आते हैं।
भूकंप के प्रभाव Impact of Earthquake in Hindi
मानव जीवन के लिए भूकंप अथवा कोई भी प्राकृतिक आपदाएं हानिकारक ही साबित होती हैं। भूकंप के प्रभाव से पशु पक्षी तथा इंसान कोई भी नहीं बच पाता।
भूकंप को रिक्टर स्केल के मापक पर मापा जाता है और 4 से ज्यादा रिक्टर स्केल के भूकंप को बहुत ही ज्यादा हानिकारक माना जाता है।
भूकंप के प्रभाव से बड़े-बड़े पेड़ अपनी जड़े खो देते हैं, ज्वालामुखी सक्रिय हो जाते हैं और धन का एक बड़े भाग का यूं ही नाश हो जाता है, जिसमें बड़ी बड़ी बिल्डिंगें, रेलवे ट्रैक, रोड तथा सांस्कृतिक विरासत भी शामिल हैं।
जापान में भूकंप की मात्रा बेहद अधिक होती हैं। जापान पूरी दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां पर एक भी प्राकृतिक नदियां नहीं है और जिसने भूकंप बाढ़ सुनामी से सबसे अधिक नुकसान झेला है। जापान में पांच रिक्टर स्केल के भूकंप को बेहद सामान्य माना जाता है।
इतिहास का सबसे खतरनाक भूकंप सन 1935 क्वेटा में आए भूकंप को माना जाता है। क्वेटा जैसे शहर की सुंदरता एक रात में नष्ट हो गई थी।
जिस स्थान को प्रवासियों के लिए स्वर्ग माना जाता था उस पर एक रात में कब्रिस्तान बनने का कलंक लग गया था। हजारों लाखों लोग नींद में ही काल के ग्रास बन गए थे और लाखों लोग घर से बेघर हो गए थे।
भूकंप से बचाव के उपाय (प्रबंधन) Earthquake Prevention Measures in Hindi
आधुनिक विज्ञान ऐसी कोई मशीन नहीं बना पाया है जिससे आने वाले भूकंप की जानकारी पहले से हो सके। लेकिन ऐसे कई बचाव के उपाय पुरानी किताबों में पाए गए हैं जिनसे बचाव मुमकिन हो सकता है। भूकंप से बचाव के रूप में सबसे पहला कदम मनुष्य का पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार होना है।
आज हम प्रकृति के प्रति बिल्कुल भी सचेत नहीं है। इंसानी मस्तिष्क ने ऐसी मशीनें वह हथियार बनाए हैं जिससे प्रकृति का सीधे नाश होता है। अगर प्रकृति के प्रकोप से बचना है तो ऐसी मशीनों को नष्ट करना होगा।
उदाहरण के तौर पर एयर कंडीशनर में से निकलती गैस CFC क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस को लिया जा सकता है। क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस का एक अणु ओजोन स्तर के एक लाख परमाणुओं का नाश करता है।
भूकंप से बचाव के लिए हमें वन संरक्षण को बढ़ाना होगा तथा वृक्षारोपण में तेजी लानी होगी। युद्ध के स्थान पर बातचीत को तवज्जो देना होगा क्योंकि पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान हथियारों के प्रयोग से होता है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में अपने भूकंप पर निबंध (Essay on Earthquake in Hindi) बड़ा आशा ही आलेख आपको सरल तथा जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।