इस लेख में ईद उल फितर पर निबंध ( Essay on Eid-Ul-Fitr in Hindi) बेहद सरल व आकर्षक रूप से लिखा गया है।
मुस्लिम त्योहार ईद उल फ़ित्र क्या है, तथा कैसे मनाया जाता है? साथ ही ईद का इतिहास तथा उसके महत्व को बेहद सरल भाषा में यहाँ समझाया गया है।
प्रस्तावना (ईद उल फितर पर निबंध Essay on Eid-Ul-Fitr in Hindi)
इस्लाम में ईद उल फितर त्योहार को बेहद ही पवित्र माना जाता है। इस्लाम धर्म के नींव के रूप में ईमान का बड़ा ही महत्व है। हर मुसलमान अपने ईमान को मजबूत रखने के लिए ही कुरान का पाठ करता है।
इस्लाम मजहब के सभी त्योहारों में ईद उल फितर को अग्रणी माना जाता है क्योंकि ईद उल फितर यह पवित्र महीना रमजान का आखिरी समय होता है।
इस त्योहार को प्रायश्चित और भाईचारे के नजरिए से भी बेहद अच्छा माना जाता है। प्रायश्चित के रूप में इस दिन एक सच्चा मुसलमान अपनी बुराइयों की कुर्बानी देता है और भविष्य में बुराई को कभी न दोहराने की कसम खाता है।
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार ईद दो बार मनाई जाती है। एक ईद उल फितर और दूसरा ईद उल अजहा।
ईद उल फितर क्या है? What is Eid ul Fitr in Hindi
ईद उल फितर यह रमजान महीने के बाद आने वाला एक इस्लामिक त्योहार है जिसमें मुस्लिम अनुयायी रोजे की समाप्ति पर खुशी मनाते हैं तथा अपने पापों की प्रायश्चित करते हैं।
इस्लामिक मान्यता के अनुसार पवित्र माह रमजान की समाप्ति के लगभग सत्तर दिनों बाद मनाया जाने वाला कुर्बानी की ईद का यह त्योहार इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का प्रमुख त्योहार है।
ईद उल फितर शब्द अरबी के ‘फतर’ शब्द से बना हुआ है। ‘फतर’ का अर्थ होता है टूटना। फितर शब्द का एक अन्य अर्थ भी होता है जो फितरह शब्द से निकलता है अर्थात भीख।
अन्य इस्लामी त्योहारों की तरह रमजान एक दिन विशेष पर नहीं आता बल्कि यह इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है। इस प्रकार यह पूरा महीना ही त्योहारों की तरह होता है।
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ईद उल फितर क्यों मनाया जाता है? Why is Eid ul Fitr Celebrated?
इस्लाम की नींव कहा जाने वाले शरीयत के अनुसार कुर्बानी हर किसी को देना चाहिए, इस्लाम मान्यता के अनुसार जिसके पास 13 हजार रुपए या उसके बराबर का सोना और चांदी हो तो उसे गरीब जरूरतमंदों को दान देना चाहिए।
रमजान के महीने को बहुत ही ज्यादा पाक माना जाता है । इस्लाम धर्म में पाक रमजान के पूरे महीने रोजे रखने के बाद नया चांद देखने का रिवाज है और इस अवसर पर ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है । यह रोजा तोड़ने के त्योहार के रूप में भी लोकप्रिय है ।
हर धर्म में कुर्बानी की बात कही गई है। हिंदू धर्म में त्याग को महान बताया गया है लेकिन कुर्बानी का अर्थ जानवरों का कत्ल करना नहीं बल्कि अपने अंदर की बुराइयों की बलि चढ़ाना है।
भगवान बुद्ध भी उस वक्त चल रहे बलि प्रथा का घोर विरोध करते थे। मोहम्मद पैगंबर के अनुसार हर इंसान को अपने सबसे प्यारी चीज (अंदर के शैतान) की बलि चढ़ाना चाहिए। दूसरे शब्दों में कहे तो अपने अंदर की बुराइयों का नाश कर दूसरों के लिए मददगार साबित होना ही ईद उल फितर है।
ईद उल फितर का महत्व Importance of Eid ul Fitr in Hindi
ईद उल फितर का इस्लाम मजहब में बहुत ही महत्व है क्योंकि इसका सीधा ताल्लुक खुद की तथा समाज की सुधार से है। हर धर्म में ऐसे पर्व हैं जिनमें प्रायश्चित तथा सामाजिक सुधार को महत्व दिया गया है।
धर्म की सच्ची परिभाषा के अनुसार जो सच्चाई और प्रेम, दया, करुणा का अनुयायी हो वही जनसमूह का पथ प्रदर्शन कर सकता है। ईद उल फितर भी लोगों में सच्चाई तथा भाईचारा का निर्माण करने की कोशिश करती है।
ईद उल फितर का वैज्ञानिक महत्व भी है। ईद उल फितर की शुरुआत अरब देशों में हुई जहां पर खाने-पीने कि ज्यादा सुविधाएं नहीं होती थी। रमजान महीने में मुस्लिम पूरे महीने भर का रोजा रखते हैं जिसमें उनके शरीर को जरूरी न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता।
ईद उल फितर खजूर तथा अन्य स्वादिष्ट पकवान खाने का रिवाज है। खजूर से शरीर में जरूरी पोषक तत्व का निर्माण होता है और शरीर जल्दी स्वस्थ होता है।
ईद उल फितर के सामाजिक महत्व के रूप में भाईचारा तथा दान मुख्य होता है। क्योंकि इस दिन मुसलमान जरूरतमंदों को खाना तथा अन्य जरूरी चीजें देते हैं। रमजान के अंत में आपस में गले मिलकर अपनी एकता को बढ़ाते हैं।
ईद का इतिहास History of Eid in Hindi
इस्लाम के अनुसार जंग-ए-बद्र के बाद ईद उल फितर की शुरुआत हुई थी। मोहम्मद पैगम्बर अपने अनुयाइयों के साथ जंग ए बद्र को जीता था। जंग ए बद्र में वे और उनकी सेना कई बार हार चुकी थी क्योंकि अबू जहल के पास बहुत बड़ी सेना थी।
लेकिन एक बार मोहम्मद पैगम्बर अपने तीन सौ तेरह सैनिकों के साथ दुश्मन अबू जहल पर धावा बोल दिया और उन्हें पराजित कर दिया। अबू जहल के पास रहे सैनिकों और हाथी घोड़ों को हथियाने के बाद एक बड़े जश्न का आयोजन हुआ जिसे आज ईद उल फितर के रूप में जाना जाता है।
इस्लामिक जानकारों का मानना है की यह इतिहास की सबसे बड़ी लड़ाई थी और जंग-ए-बद्र में इतिहास में पहली बार किसी लड़ाई में मुसलमानों को विजय मिली थी।
यह लड़ाई पैगंबर मुहम्मद साहब के नेतृत्व में लड़ी गई थी। जिस जगह यह जंग लड़ी गई थी वहां बद्र नामक एक कुआं था। कुएं के नाम पर ही जंग को जंग-ए-बद्र कहा गया। मुसलमान लोगों ने जीत के जश्न को ईद के रूप में मनाया।
जीत की ख़ुशी में लोगों में मीठे पकवान भी बांटे गए। इसी वजह से इसे मीठी ईद भी कहा जाता है। जंग-ए-बद्र की शुरुआत रमजान के पहले दिन से हुई थी।
इस दौरान पैगंबर मुहम्मद साहब और उनके अनुयायी रोजा थे और जिस दिन जंग खत्म हुई उस दिन ईद मनाई गई।
ईद का त्योहार कैसे मनाते हैं? How is Eid Celebrated?
ईद के दिन मुसलमानों में काफी उत्साह रहता है। ईद की प्रतीक्षा हर व्यक्ति को रहती है और ईद का चाँद सब के लिए विनम्रता तथा भाईचारे का संदेश लेकर आता है। चाँद निकलते ही हर मुस्लमान में ख़ुशी और प्रसन्नता का भाव बढ़ जाता है।
ईद से पहले ही लोग बाजारों में कपडे, जूते, कुरता, टोपी, चूड़ियाँ इत्यादि खरीदते हैं और मकानों को सजाते हैं। चाँद की रात के दिन मुस्लिम औरतें अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं।
ईद के दिन मुस्लिम लोग नहा धोकर नए नए कपड़े पहनते हैं, मर्द अपने अपने घरों से ईद उल फितर की नमाज़ अदा करने ईदगाह अथवा जामा मस्जिद जाते हैं जहाँ पूरा मुस्लिम समुदाय एक साथ ईद की नमाज अदा करते हैं. देश के सभी प्रमुख मस्जिदों में ऐसा ही दृश्य देखा जाता है।
नमाज से पहले गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने का रिवाज है क्योंकि इस्लाम में ईद के दिन दान देना महत्वपूर्ण माना गया है। हर मुसलमान को धन, भोजन और कपड़े के रूप में कुछ ना कुछ दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इस दान को इस्लाम में जकात और फितरा भी कहा जाता है और जकात देना हर मुस्लिम का फ़र्ज़ होता है। ये दान अपने हैसियत के हिसाब से गरीबों को दी जाती है.
ईद उल फितर की नमाज के बाद सभी मुस्लिम एक दूसरे से गले मिलते हैं तथा शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन महिला पुरुष तथा बच्चे और बुजुर्ग सभी प्रसन्न रहते हैं।
ईद के दिन मुसलमानों के घर मीठी सेवई बनती है। इसके अतिरिक्त अनेक प्रकार के व्यंजन भी तैयार किये जाते हैं। लोग अपने सगे सम्बन्धियों के घर जाकर उन्हें ईद की मुबारकबाद देते हैं। रात में मस्जिदों पर रोशनी की जाती है।
ईद उल फितर पर 10 वाक्य Few Lines on Eid ul Fitr in Hindi
- मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला ख़ास पर्व ईद है जो प्रसन्नता, सुंदरता तथा पारस्परिक मधुर मिलन के भाव को प्रकट करने वाला त्योहार है
- इस्लाम मजहब के अनुसार जंग-ए-बद्र के बाद ईद उल फितर की शुरुआत हुई थी।
- मोहम्मद पैगम्बर इस दिन अपने तीन सौ तेरह सैनिकों के साथ दुश्मन अबू जहल पर धावा बोल दिया और उन्हें पराजित कर दिया था।
- इस त्योहार को प्रायश्चित और भाईचारे के नजरिए से भी बेहद अच्छा माना जाता है।
- मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए यह अवसर भोज और आनंद का होता है।
- ईद उल फितर शब्द अरबी के ‘फतर’ शब्द से बना हुआ है। ‘फतर’ का अर्थ होता है टूटना।
- इस्लामिक जानकारों का मानना है की यह इतिहास की सबसे बड़ी लड़ाई थी
- दान को इस्लाम में जकात और फितरा भी कहा जाता है इसलिए इसे ईद उल फितर भी कहा जाता है।
- ईद उल फितर की नमाज के बाद सभी मुस्लिम एक दूसरे से गले मिलते हैं तथा शुभकामनाएं देते हैं।
- इस उल फितर के अवसर पर खाए जाने वाले खजूर से शरीर में जरूरी पोषक तत्व का निर्माण होता है और शरीर जल्दी स्वस्थ होता है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने ईद उल फितर पर निबंध (Essay on Eid-Ul-Fitr in Hindi) हिंदी में पढ़ा आशा है यह लेख आपको जानकारियों से भरपूर लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।