बाढ़ पर निबंध Essay on Flood in Hindi

इस लेख में आप बाढ़ पर निबंध Essay on Flood in Hindi पढ़ेंगे। यह कक्षा 5 से 10 तक विभिन्न रूपों से परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में बाढ़ क्या है तथा बाढ़ आने के कारण, प्रभाव, व बाढ़ से बचाव के उपाय बेहद सरल भाषा में दिया गया है। 

प्रस्तावना (बाढ़ पर निबंध Essay on Flood in Hindi)

आज मनुष्य बेझिझक पर्यावरण का दोहन कर रहा है। फल स्वरुप बाढ़, भूकंप, सुनामी जैसी त्रासदीयां जन जीवन के लिए मुश्किल परिस्थितियां खड़ी कर रही हैं।

जब पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है तब प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़ भूकंप इत्यादि आती हैं। बाढ़ त्रासदी का संबंध जल से है लेकिन कारण स्वरूप में मनुष्य का प्रकृति के प्रति विमुखता ही है।

अन्य त्रासदियों से बचाव के उपाय हैं लेकिन एक बार बाढ़ आ जाने पर विस्थापन के अलावा और कोई उपाय नहीं बचता है। एक तरफ जनजीवन अस्त व्यस्त होता है तो दूसरी तरफ प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक विरासतों का नुकसान भी होता है।

हाल के दिनों में बाढ़ की आवृत्ति बढ़ी है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते औसत समुद्री तापमान में काफी बढ़ोतरी हुई है और इससे कैरिबियन में उष्णकटिबंधीय तूफान की बढ़ती दर और कठोरता में वृद्धि हुई है। ये तूफान उनके रास्ते में देशों में भारी बारिश का कारण है।

बाढ़ के कई प्रकार होते हैं तथा उनके अनुसार ही उनका प्रकोप भी बदलता है। सामान्य बाढ़ में जनजीवन को ज्यादा नुकसान नहीं होता लेकिन बड़े बाढ़ में प्राणियों तथा जीव जंतुओं का समूल नाश भी हो जाता है।

बाढ़ क्या है? What is Flood in Hindi?

जब प्रकृति के चक्रों में व्यवधान उत्पन्न होता है जब प्रकृति स्वयं को उन व्यवधानों से मुक्त करने के लिए प्राकृतिक आपदाओं का प्रयोग करती हैं। उन प्राकृतिक आपदाओं में बाढ़ भी शामिल है।

बाढ़ की परिभाषा के अनुसार जब नदियों, समुद्रों में जल का स्तर बढ़ जाता है। तब जल अपनी दिशा से विपरीत बहने लगता है जिसे बाढ़ कहा जाता है।

बाढ़ के कई प्रकार होते हैं लेकिन मुख्य रूप से बाढ़ को तीन भागों में बांटा जाता है। उच्च, मध्यम तथा निम्न बाढ़। उच्च बाढ़ में जल का नियंत्रण नहीं रहता और वह पहाड़ों तथा मैदानों को चीरते हुए गाँवों-शहरों में घुस जाता है तथा भारी विनाश करता है।

2013 में उत्तराखंड में आई त्रासदी को उच्च प्रकार के बाढ़ में शामिल किया जा सकता है। जिसमें लाखों लोगों की दुखद रूप से मृत्यु हो गई थी तथा हजारों करोड़ रुपयों का नुकसान भी हुआ था।

मध्यम प्रकार के बाढ़ में बारिश के कारण होने वाली त्रासदियों को शामिल किया जाता है। बारिश में अक्सर नदियां अपने स्तर से ऊंची उठ जाती है तथा उनका पानी गांव तथा शहरों में घुस जाता है। मध्यम प्रकार का बाढ़ कम समय के लिए आता है तथा इससे जान माल की हानि उच्च बाढ़ के मुकाबले कम होती है।

निम्न प्रकार के बाढ़ में सामान्य नदियों तथा नालों में जल की अधिकता होती है। यह ज्यादा समय के लिए ठहरती लेकिन जनजीवन ठप्प जरूर होता है।

बाढ़ आने के कारण Reason of Flood in Hindi

कुछ दशक पहले का अधिकतम औसत तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस होता था तथा वातावरण इतना प्रदूषित भी नहीं था। लेकिन आज के समय में अधिकतम औसत तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस हो चुका है।

जब प्राकृतिक चक्र में व्यतिरेक उत्पन्न होता है तब बाढ़ जैसी त्रासदीया अवश्य आती हैं। आज प्रदूषण अपनी चरम पर है तथा पेड़ों का कांटा जाना, ग्लोबल वार्मिंग, एसिड वर्षा इत्यादि बढ़ चुका है जिसके कारण हर वर्ष कहीं ना कहीं बाढ़ का प्रकोप देखने को जरूर मिलता है।

बाढ़ के कारणों में आज सबसे अधिक अनियमित वर्षा देखने को गिना जाता है। प्रकृति का पर्यावरण चक्र पर से नियंत्रण कम हो जाने के कारण अनियंत्रित वर्षा होती है और जिसके कारण बाढ़ जैसी परिस्थिति का निर्माण होता है।

बाढ़ के कारणों में से दूसरा सबसे बड़ा कारण ग्लेशियरों का पिघलना है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर तेज रफ्तार से पिघल रहे हैं, जिनका जल समुद्र के स्तर को दिन प्रतिदिन ऊंचा उठा रहा है। 

किन्हीं भी छोटे-मोटे भूकंप या चक्रवात के बाद समुद्र की लहरें भयानक रूप ले लेती हैं और पास के नगरों में कोहराम मचा देती हैं।

जल के अधिक प्रवाह से बांध के टूट जाने की खबर हम अक्सर सुनते हैं। जल प्रवाह को नियंत्रित करने वाले  बांध समय के साथ कमजोर हो जाते हैं तथा अधिक प्रवाह झेल नहीं पाते हैं इसलिए अतिरिक्त जल गांव तथा शहरों में घुसकर भयंकर तबाही मचा देता है।

बाढ़ आने के कारणों में मुख्य कारण मनुष्य की प्रकृति के प्रति उदासीनता ही है। अगर मनुष्य प्रकृति के प्रति जागरूक हो जाए तो अवश्य ही इन त्रासदियों की मात्रा में गिरावट आएगी। 

बाढ़ के प्रभाव Impacts of Flood in Hindi

मनुष्यों के साथ वन्य पशु पक्षियों के जीवन पर बाढ़ का बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बाढ़ आने पर जन समूह को विस्थापित होना पड़ता है जिससे उनके जीवन की मुश्किलें बढ़ जाती हैं।

भारत के कई राज्यों के निवासी हर साल बाढ़ की समस्या का सामना करते हैं। देश में इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित प्रमुख क्षेत्रों में उत्तर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल, मुंबई, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश और उड़ीसा, ब्रह्मपुत्र घाटी और दक्षिण गुजरात सहित अधिकांश गंगा मैदान हैं।

बाढ़ के नुकसान के रूप में इन राज्यों की विकास दर में गिरावट होती है और सामान्य यातायात में भी बड़ी गिरावट आती है। राज्यों की विकास दर गिरने से देश के विकास दर में भी कमी आती है।

बाढ़ के कारण बिजली विभाग को बहुत अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है क्योंकि आज लगभग हर कोने में बिजली पहुँच चुकी है और बाढ़ के कारण अगर किसी स्थान पर बिजली के खम्भे उखड़ जाते हैं तो उसकी पहचान और रिपेयरिंग मुश्किल हो जाता है।

बाढ़ के कारण किसानों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि किसान अपने कृषि पर ही निर्भर होता है और बाढ़ में उसकी फसल पूरी तरह से चौपट हो जाती है।

बाढ़ के बाद प्रदुषण के कारण तरह-तरह के रोग फैलते हैं जिनसे मनुष्य तथा पशु-पक्षीयों को स्वास्थ्य के लिए जूझना पड़ता है।   

बाढ़ से बचाव के उपाय (प्रबंधन) Flood Management in Hindi

आज प्रकृति आपदा प्रबंधन की आवश्यता बहुत बढ़ गयी है क्योंकि एक कहावत है की “मनुष्य अगर प्रकृति को पोषता है तो प्रकृति उसे पोषती है”।

बाढ़ से बचाव के रूप में सबसे जरुरी उपाय वृक्षारोपण करना है। क्योंकि बाढ़ का मुख्य कारण अतिवर्षा है और वृक्ष वर्षा को संतुलित व नियंत्रित करते है। 

बाढ़ से बचाव के लिए आधुनिक तकनीकों की सहायता लेना बेहद जरुरी हो गया है क्योंकि आधुनिक विज्ञान ने ऐसी तकनीकें खोज निकाली हैं। जिनसे बारिश के समय व मात्रा का सटीक आकलन करना संभव हो पाया है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के लिए ऊंचाई पर आवास बनाकर बाढ़ से बचाव का प्रबंधन किया जा सकता है। जिन क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना अधिक होती हो उन क्षेत्रों में गहरे जलाशय बनाकर उन जलों को संरक्षित कर उपयोग में लिया जा सकता है।

बाढ़ से बचाव के लिए सबसे कारगर तकनीक एक अच्छे ड्रेनेज सिस्टम को तैयार करना हो सकता है। क्योंकि मुंबई जैसे महानगरों में आज भी बरसात में कमर से ऊपर तक पानी भर जाता है। जिसका मूल कारण अच्छे जल निकाय सिस्टम का न होना है।

उपरोक्त पद्धतियों से बाढ़ से बचाव के प्रयास किये जा सकते हैं लेकिन बाढ़ से स्थाई बचाव प्रकृति की शुद्धि से ही हो सकता है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने बाढ़ पर निबंध Essay on Flood in Hindi को पढ़ा। आशा है यह निबंध आपको सरल लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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