कबड्डी पर निबंध Essay on Kabaddi in Hindi

क्या आप कबड्डी पर निबंध (Essay on Kabaddi in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां! तो यह लेख आपके लिए बेहद ही सहायक सिद्ध हो सकता है। इस लेख में हमने कबड्डी क्या है, इतिहास, विशेषता, नियम, प्रकार तथा 10 लाइन के बारे में जानकारी दी है।

प्रस्तावना (कबड्डी पर निबंध Essay on Kabaddi in Hindi)

मनुष्य ने अपने मनोरंजन के लिए बहुत से साधन-सुविधाओं का आविष्कार किया है। जिसमें किस्से कहानियां, नाट्य, चित्रकला तथा खेल इत्यादि एक है।

इन खेलों के माध्यम से मानव ने अपना शारीरिक और बौद्धिक विकास बहुत ही तेजी से किया है। कबड्डी उन्हीं खेलों में से एक है जो स्फूर्ति, शक्ति, रणनीति का योगदान मांगती है।

यह खेल इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसमें श्वास को रोककर विरोधी दल के सभी खिलाड़ी और रणनीति के ऊपर से अपने पाले में आना होता है। जिसमें बहुत शक्ति व समर्पण की आवश्यकता होती है।

जब लोग इतने सुविधा से संपन्न नहीं थे और मनोरंजन के लिए तीर्थाटन, खेल इत्यादि का ही सहारा लिया जाता था तब इन खेलों से लोगों की शक्ति संपन्नता भी बढ़ती थी और जीवन में दृढ़ता का समावेश भी होता था।

अन्य खेल जैसे क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन और फुटबॉल में ज्यादा खर्चे की आवश्यकता होती है लेकिन कबड्डी में सिर्फ लोगों का एक छोटा समूह ही काफी होता है।

कबड्डी क्या है? What is Kabaddi in Hindi?

कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसमें कुछ खास नियमों के अंतर्गत दो दल एक दूसरे को छू कर अपने सुरक्षित स्थान में आने के लिए स्पर्धा करते हैं।

इस खेल को मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीपों में खेला जाता है। कबड्डी को दक्षिण भारत में चेदुगुडु और पूर्वी भारत में हुतूतू के नाम से जाना जाता है।

कबड्डी भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में भी अधिक पसंद किया जाता है। बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल कबड्डी है।

कबड्डी के प्रकार Types of Kabaddi in Hindi

पूरी दुनिया में भारत कबड्डी खेल के लिए सबसे ज्यादा प्रचलित देश है। यहां पर कबड्डी को चार प्रकार में बांटा गया है। कबड्डी खेलों का आयोजन एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन के द्वारा किया जाता है।

कबड्डी के चार मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं।

  1. संजीवनी कबड्डी
  2. पंजाबी कबड्डी
  3. अमर स्टाइल कबड्डी
  4. जैमिनी स्टाइल कबड्डी

संजीवनी प्रकार के कबड्डी में खिलाड़ियों के आउट होने के बाद पुनर्जीवन अर्थात फिर से मौका देने का नियम होता है। यह मुख्य रूप से 40 मिनट का होता है जिसके दौरान 5 मिनट का हाफ मिलता है।

पंजाबी प्रकार के कबड्डी में एक गोल सीमा का प्रयोग किया जाता है जिसका व्यास 72 फिट होता है। पंजाबी कबड्डी के तीन प्रारूप है जिसमें गूंगी कबड्डी, सौंची कबड्डी और लंबी कबड्डी को शामिल किया जाता है।

अमर स्टाइल कबड्डी में कोई समयावधि तय नहीं होती तथा इसका प्रकार संजीवनी कबड्डी की तरह ही होता है। लेकिन खिलाड़ी को आउट होने के बाद जीवनदान प्राप्त नहीं होता।

जैमिनी स्टाइल की कबड्डी में दोनों दलों में सात -सात खिलाड़ी होते हैं। लेकिन इसमें किसी भी खिलाड़ी को जीवनदान नहीं मिलता यानी अगर वह एक बार आउट हो जाए तो उसे मैदान के बाहर जाना पड़ता है। इस तरह के मैच में भी समय की कोई पाबंदी नहीं होती।

भारत में संजीवनी कबड्डी को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है क्योंकि यह स्पर्धा लंबी तथा मनोरंजक होती है। जीवनदान मिलने से खिलाड़ियों और दर्शक में उत्सुकता बनी रहती है।

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कबड्डी का इतिहास History of Kabaddi in India

कबड्डी को पहली बार सन 1938 में कोलकाता के नेशनल गेम्स में शामिल किया गया था। जिसके बाद सन् 1950 में ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन की स्थापना की गई और कबड्डी में उपयोग किए जाने वाले सभी मुख्य नियमों का गठन भी किया गया।

कुछ सालों बाद ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन को एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया में तब्दील कर दिया गया तथा पुनर्गठन के बाद इसका पहला राष्ट्रीय टूर्नामेंट चेन्नई में 1972 में खेला गया।

जापान से आए हुए प्रवासी इस खेल से प्रभावित होकर इसे जापान में भी प्रचलित किया। जिसके बाद बांग्लादेश, श्रीलंका और अन्य छोटे देशों ने भी इसे अपनाया तथा अपने राष्ट्रीय स्तर के खेलों में शामिल किया।

कबड्डी खेल में पहली बार एशियन चैंपियनशिप की स्थापना सन 1980 में की गई जिसमें भारत ने बांग्लादेश को हराकर अपना कीर्तिमान स्थापित किया।

सन 2004 में पहली बार कबड्डी विश्वकप की स्थापना शुरू हुई। पूरे विश्व में जितने भी विश्वकप हुए हैं वह सभी भारत ने ही जीते हैं।

कबड्डी खेल में सन 2012 में पहली महिला विश्व कप चैंपियनशिप का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय महिला टीम ने भी भाग लिया था।

भारत में कबड्डी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कबड्डी प्रो लीग 26 जुलाई सन 2014 में शुरू की गई जिसमें कबड्डी से जुड़े टैलेंटेड खिलाड़ियों ने अपना दबदबा कायम किया।

कबड्डी के नियम Kabaddi Rules in Hindi

कबड्डी में किसी भी खिलाड़ी का उद्देश्य विरोधी दल के खेमे में जाकर एक नियमित अंतराल के अंतर्गत उन्हें छू कर वापस आना होता है। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए विपक्षी दल भी अपने पूरे खेमे के साथ उन्हें दबोच लेने का प्रयास करता है।

इस खेल में किसी भी खिलाड़ी का दूसरे दल पर धावा बोलना रेड कहलाता है। जिसमें खिलाड़ी सांस को रोक कर विपक्षी खेमे में शामिल होता है।

कबड्डी का हर मैच 40 मिनट का होता है तथा किसी भी रेड के लिए खिलाड़ी के पास मात्र 30 सेकंड होते हैं जिसमें वह सांस रोककर कबड्डी-कबड्डी शब्द को दोहराता रहता है।

रेडर द्वारा विपक्षी खेमे में रेड करने के बाद विपक्षी खेमे के बचाव में रहे खिलाड़ियों को डिफेंडर कहा जाता है। अगर रेडर सफलतापूर्वक डिफेंडर को छूकर अपने खेमे में वापस आता है तो उसे टच पॉइंट दिए जाते हैं।

अगर कोई भी रेडर विपक्षी खेमे में 6 या 6 से अधिक खिलाड़ियों के रहते हुए बोनस लाइन को छूकर वापस आता है तो उसे दिए गए प्वाइंट को बोनस प्वाइंट कहा जाता है।

विपक्षी खिलाड़ी अगर किसी भी रेडर को 30 सेकंड तक बिना कोई पॉइंट लिए कोर्ट में रहने के लिए मजबूर कर देता है तो विपक्षी दल को 1 पॉइंट मिलता है।

जब किसी दल के सभी खिलाड़ी आउट होकर मैदान से बाहर हो जाते हैं तो उन्हें ऑलआउट कहा जाता है और  ऑल आउट करने वाले पक्ष के खिलाड़ियों को अतिरिक्त बोनस प्वाइंट दिए जाते हैं।

कबड्डी में बिना लाइन छुए वापस आने वाले रेड को एम्प्टी रेड तथा तीन या तीन से ज्यादा खिलाड़ियों को आउट करने पर सुपर रेड देकर अतिरिक्त बोनस प्वाइंट दिए जाते हैं।

इसके अलावा कम डिफेंडर खिलाड़ियों के साथ किसी भी रेडर को सफलतापूर्वक पकड़ लेने पर सुपर टैकल देकर अतिरिक्त पॉइंट दिया जाता है।

कबड्डी का कोई भी मैच टाई हो जाने पर 7 मिनट के अतिरिक्त मैच खेले जाते हैं जो दो भागों में बटें होते हैं। एक कबड्डी दल में सात खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति होती है।

कबड्डी की विशेषता Importance of Kabaddi in Hindi

कबड्डी को आक्रामक किस्म खेलों में शामिल किया जाता है जिसमें ताकत, रणनीति और फुर्ती की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता होती है।

किसी भी खिलाड़ी पर विपक्षी दल के सात खिलाड़ियों से बचते हुए अपनी टीम को विजयी बनाने का भार होता है जिसके कारण उन्हें अपना संपूर्ण समर्पण देने की आवश्यकता पड़ती है।

यह खेल बेहद ही कम खर्चों में खेला जाने वाला खेल है जिसमें सिर्फ कुछ खिलाड़ियों और एक छोटे से स्थान की आवश्यकता होती है।

इस खेल में मनोरंजन के साथ-साथ हड्डियां मजबूत होती हैं, शरीर लचीला और बुद्धि का विकास तीव्र गति से होता है। लेकिन कमजोर लोगों को इससे हानि भी हो सकती है।

कबड्डी पर 10 लाइन Few Lines on Kabaddi in Hindi

  1. कबड्डी को मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में खेला जाता है।
  2. कबड्डी का मैच दो टीमों के बीच खेला जाता है, प्रत्येक टीम में 7 – 7 खिलाडी होते है।
  3. कबड्डी को दक्षिण भारत में चेडूगुडु और पूर्वी भारत में हुतूतू के नाम से भी जाना जाता है।
  4. टीम का रेडर कबड्डी-कबड्डी बोलकर दुसरे टीम के खिलाडी को छूने की कोशिश करता है।
  5. कबड्डी खेलने के स्थान के बीचोंबीच एक लाइन होती है जिसे पाला कहते हैं।
  6. हमारे देश में कबड्डी एक प्राचीन तथा पारंपारिक खेल है।
  7. यह खेल ताकत और बुद्धिमत्ता का मिला-जुला संगम होता है।
  8. कबड्डी का हर मैच 40 मिनट का होता है तथा किसी भी रेड के लिए खिलाड़ी के पास मात्र 30 सेकंड होते हैं।
  9. बांगलादेश का राष्ट्रीय खेल कबड्डी है।
  10. आज तक किसी भी कबड्डी विश्वकप में भारत की हार नहीं हुई है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने कबड्डी पर निबंध हिंदी में (Essay on Kabaddi in Hindi) पढ़ा। आशा है यह निबंध आपके लिए सहायक सिद्ध हुआ हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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