इस लेख में हमने दया पर निबंध (Essay on Kindness in Hindi) बेहद आकर्षक तरीके से लिखा है। निबंध में दया क्या है तथा दयालुता के लाभ साथ ही दयालुता पर एक छोटी सी कहानी तथा दया पर दस बेहतरीन पंक्तियां इस लेख को बेहद आकर्षक बनाते हैं।
प्रस्तावना (दया पर निबंध Essay on Kindness in Hindi)
किसी भी धर्म में दया का सबसे ज्यादा महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि जिसके अंदर दया और करुणा की कमी होगी उसे इंसान की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है।
हर धर्म की उपासना, दया को एक प्रखर गुण के रूप में इंगित करती है। बिना दया के कोई भी उपासना फलित नहीं हो सकती। दया की भावना से परोपकार की भावना जागृत होती है।
हमारे अगल-बगल की हुए सभी चीजें किसी न किसी माध्यम से हमारे ऊपर दया कर रही हैं। उदाहरण के तौर पर जल हमारे ऊपर नियमित रूप से दया कर रही है। वायु हमसे बिना कुछ लिए हमारे ऊपर सतत दया भावना बनाए हुए हैं।
आज लोगों में संवेदना का भाव समाप्त हो चुका है जिसके कारण भाई-भाई के बीच में हिंसक झड़प देखने को मिलती है। इंसान प्रकृति तथा वन्य पशुओं के तरफ भी क्रूरता की दृष्टि से ही देखने लगा है।
मानव अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए लगातार प्रकृति का दोहन कर रहा है। वह बेगुनाह पशुओं को अपने स्वाद के लिए इस्तेमाल कर रहा है, जिसे उसकी संवेदनहीनता का सूचक ही माना जा सकता है।
दयालुता का अर्थ Definition of Kindness in Hindi
दयालुता का अर्थ होता है किसी के ऊपर बिना किसी स्वार्थ के उपकार करना। दार्शनिक कन्फ्यूशियस के अनुसार जिस व्यक्ति के अंदर दया करुणा का भाव जागृत रहता है उसे समाज का सबसे कीमती प्राणी कहा जाता है।
एरिस्टोटल के अनुसार जब हम बिना किसी मांग के किसी की सहायता करते हैं तो वह दया कहलाता है। दया को एक विशेष गुण कहा गया है ऐसा माना जाता है कि हम अगर किसी के ऊपर दया करते हैं तो प्रकृति वह किसी न किसी माध्यम से हमारे पास वापस भेज देती है।
इतिहास में ऐसे न जाने कितने महापुरुष हुए हैं जिन्होंने राष्ट्र व समाज के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया। उनके जीवन को ध्यान से देखने पर एक चीज सामान्य दिखती है वह है दया तथा करुणा की भाव की अधिकता।
उदाहरण के तौर पर महात्मा गांधी, विवेकानंद तथा ऐसे अनेकों महापुरुष जिन्होंने गरीबों पिछड़ों की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लोगों के प्रतिरोध के बावजूद भी उन्होंने अपना दया का धर्म कभी नहीं छोड़ा।
दयालुता पर कोई छोटी कहानी Story on Kindness in Hindi
हर धर्म के पवित्र ग्रंथों में ऐसी घटनाएं या कहानियां जरूर होती हैं जिनमें दया तथा करुणा की अधिकता का प्रचार-प्रसार हो। भगवान राम तथा भगवान कृष्ण भी समाज के पिछड़े वर्गों की सेवा सहायता को अपने जीवन में प्रथम स्थान दिया था।
कुछ दशक पहले तक जब समाज में छुआछूत एक बहुत बड़ी बीमारी थी तब एक ब्राह्मण के घर जन्मे एक व्यक्ति ने लोगों की मानसिकता ओं पर कड़ा प्रहार किया।
वह व्यक्ति नियमित किसी काम से एक मार्ग से गुजरा करता था। ऐसे ही एक बार उसकी नजर एक झोपड़ी पर पड़ी जिसमें एक वृद्ध महिला दर्द के मारे कराह रही थी।
शुरुआत में उस व्यक्ति ने अपने दोस्तों से मदद मांगी ताकि उस वृद्ध महिला की मदद की जा सके लेकिन उसके दोस्तों ने अपने परिवार के ऊंचे होने का हवाला देकर उसकी मदद नहीं की।
उस व्यक्ति ने स्वयं यह ठान लिया कि वह अपने परिवार तथा समाज से अलग होकर उस वृद्धि तथा अछूत महिला की मदद करेगा। उसने पहले तो उस वृद्ध महिला का हाल देखा। उसे पता चला कि वृद्ध महिला को कुष्ठ रोग हुआ है। जिसमें उसके कई जगह गहरा घाव हो गया जिसमें कीड़े पड़ चुके हैं।
उस व्यक्ति ने बिना एक भी पल गवाए उसकी कुटिया में तमाम जरूरी दवाइयां लेकर दस्तक दी। पहले तो वह महिला घबराई और अपने अछूत होने की बात उनके सामने कहीं। लेकिन वह व्यक्ति बिना किसी संकोच के उस वृद्ध माता जी की सेवा में लग गया।
उसके रास्ते में गांव वालों ने रोड़ा डालने की कोशिश की लेकिन वह व्यक्ति अपने विचारों का पक्का था और उसने लगातार उस वृद्ध महिला की सेवा की तथा कुछ ही दिनों की मरहम पट्टी से वह वृद्ध महिला बेहद स्वस्थ हो गई।
यह बात जैसे ही उस ब्राह्मण व्यक्ति के घर वालों को पता चली तो वे बहुत ही नाराज हुए। लेकिन इसके बाद भी आजीवन वह व्यक्ति पिछड़े तथा अछूत लोगों के बीच जाकर उनके जीवन को सुधारने में लगा रहा।
उस व्यक्ति का नाम पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य है जिन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार की रचना की थी। जिन्होंने अपने जीवन में तीन हजार से भी ज्यादा किताबें लिखी हैं।
उनके जीवन से हम सभी को अपने जीवन में दया, करुणा के भाव को ग्रहण करना चाहिए। क्योंकि दया ही एक ऐसा गुण है जिससे दुनिया बदली जा सकती है।
दया करने के लाभ Benefits of Kindness in Hindi
आध्यात्मिक तथा सामाजिक दृष्टि से दया के अनेकों लाभ हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से दया का सबसे बड़े लाभ के रूप में मानव के अंदर से अहंकार का विनाश करना है।
जहां दया तथा करुणा जैसे गुण होते हैं वहां पर कोई अन्य दुर्गुण निवास नहीं करते हैं। दया जैसे गुणों को धारण करने के बाद मनुष्य ईश्वर की श्रेणी में बैठने लगता है।
दया से समाज में सकारात्मकता का भाव जागृत होता है। दया तथा करुणा के माध्यम से ही परोपकार जैसे सद्गुण जन्म लेते हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति औरों के हित के पूर्ति के लिए जीता है या औरों के हित की पूर्ति के लिए अपने प्राण न्योछावर करता है। उस व्यक्ति का हर एक आंसू रामायण के समान है तथा प्रत्येक कर्म श्रीमद्भगवद्गीता के समान है।
उपरोक्त पंक्तियों के अनुसार दया की गहनता को समझा जा सकता है। जिन धर्म के लोगों के बीच में दया भाव की अधिकता होगी। उनके बीच भाईचारा तथा सम्मान उतना ही ज्यादा होगा।
कहते हैं कि ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र उपाय समाज के प्रति परोपकार की भावना है। जो समाज रूपी ईश्वर को दया का प्रसाद अर्पित करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
दया पर 10 लाइन 10 Lines on Kindness in Hindi
- हर धर्म की उपासना, दया को एक प्रखर गुण के रूप में इंगित करती है। बिना दया के कोई भी उपासना फलित नहीं हो सकती।
- हमारे अगल-बगल की हुए सभी चीजें किसी न किसी माध्यम से हमारे ऊपर दया कर रही हैं।
- दार्शनिक कन्फ्यूशियस के अनुसार जिस व्यक्ति के अंदर दया करुणा का भाव जागृत रहता है उसे समाज का सबसे कीमती प्राणी कहा जाता है।
- एरिस्टोटल के अनुसार जब हम बिना किसी मांग के किसी की सहायता करते हैं तो वह दया कहलाता है।
- महात्मा गांधी, विवेकानंद तथा ऐसे अनेकों महापुरुष जिन्होंने गरीबों पिछड़ों की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
- भगवान राम तथा भगवान कृष्ण भी समाज के पिछड़े वर्गों की सेवा सहायता को अपने जीवन में प्रथम स्थान दिया था।
- आध्यात्मिक दृष्टि से दया का सबसे बड़े लाभ के रूप में मानव के अंदर से अहंकार का विनाश करना है।
- जहां दया तथा करुणा जैसे गुण होते हैं वहां पर कोई अन्य दुर्गुण निवास नहीं करते हैं।
- दया जैसे गुणों को धारण करने के बाद मनुष्य ईश्वर की श्रेणी में बैठने लगता है।
- जो समाज रूपी ईश्वर को दया का प्रसाद अर्पित करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने दया पर निबंध (Essay on Kindness in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको सरल लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।