इस लेख में महावीर जयंती पर निबंध (Mahavir jayanti essay in Hindi) बेहद सरल रूप से लिखा गया है। महावीर जयंती जैन संप्रदाय के अनुयायियों के लिए विशेष पर्व है।
निम्न निबंध में महावीर जयंती क्या है तथा इसे कब और कैसे मनाया जाता है साथ ही महावीर जयंती के महत्व,10 नारे,और महावीर जयंती पर 10 लाइन को आकर्षक रूप से संग्रहित कर एक संपूर्ण निबंध बनाया गया है।
प्रस्तावना (महावीर जयंती पर निबंध Essay on Mahavir Jayanti in Hindi)
दुनियाँ भर के जैन धर्म को मानने वाले लोग महावीर को अपना आराध्य मानते हैं और उनके जन्मदिन के उपलक्ष को एक पर्व के रूप में मनाते हैं। भगवान महावीर को दया व अहिंसा का पुजारी माना जाता है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी भगवान महावीर के ज्ञान को ग्रहण करते थे और अपने अनुयायियों को अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए सदा ही प्रेरित करते थे। महावीर जन्मोत्सव के दिन जैन धर्म के लोग बहुत से अनुष्ठान वरदान करते हैं।
आज दुनियाँ में कमजोरों पर ताकतवरों का राज है इसके पास किसी भी शक्ति की अधिकता है चाहे वह धनबल हो या शस्त्र बल, उसका उपयोग कर वह अपने से कमजोरों का शोषण करता है और उनका हक मारता है।
महावीर जयंती हर साल दुनियाँ वालों को अहिंसा और करुणा के पाठ को पढ़ाती है और उन्हें एक अच्छा इंसान बनने के मार्ग पर प्रेरित करती है।
महावीर जयंती क्या है? What is Mahavir Jayanti in Hindi?
जिस दिन भगवान महावीर का जन्म हुआ था उस दिन को महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि भगवान महावीर दुनियाँ भर में शांति के संदेश वाहक के रूप में जाने जाते हैं।
जैन धर्म में तीर्थंकरों का बड़ा ही महत्व है और भगवान महावीर यह जैन के 24 वे तीर्थंकर माने जाते हैं।
जैन धर्म के अनुयाई महावीर को अपना सर्वस्व मानते हैं और उनके मार्ग पर आजीवन चलने और उनके ज्ञान को जग में फैलाने का प्रण लेते हैं।
महावीर जयंती को ‘महावीर जन्म कल्याणक’ भी कहा जाता है। जैन धर्म, तीर्थंकर को धर्म के आध्यात्मिक गुरु के रूप में वर्णित करता है।
महावीर जयंती क्यों मनाया जाता है? Why is Mahavir Jayanti celebrated?
पूरी दुनियाँँ में जितने भी पंथ हैं उनमें एक बात सामान्य है कि वे किसी न किसी अनुयायियों को अपने पथ प्रदर्शक के रूप में मानते हैं।
वैसे तो धरती पर सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म है लेकिन दुनियाँ के अन्य धर्मों जैसे ही जैन धर्म में भी सनातन धर्म से निकला हुआ एक पंथ है।
जिस प्रकार ईसाई संप्रदाय में यीशु के जन्म दिवस को पवित्र माना जाता है और सिख संप्रदाय में गुरु गोविंद सिंह के जन्मदिन को पवित्र माना जाता है।
ठीक उसी प्रकार जैन संप्रदाय के लिए महावीर जयंती एक पवित्र पर्व की तरह है जिसमें वे भगवान महावीर द्वारा दिए गए ज्ञान और मार्ग का अवलोकन करते हैं और उनके मार्ग पर चलने के लिए अनुशासित और कटिबद्ध होते हैं।
हर संप्रदाय के पास उनका धार्मिक ग्रंथ होता है जिसमें जीवन जीने की कला तथा समाज का कल्याण व अहिंसा मुख्य रूप से शामिल होता है ठीक उसी प्रकार जैन धर्म में महावीर जयंती मना कर त्याग और अपने भक्ति का प्रदर्शन करते हैं।
महावीर जयंती कब मनाया जाता है? When is Mahavir Jayanti celebrated?
भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तेरहवी तिथि को कुंडलगामा, वैशाली जिला, बिहार में हुआ था।
जो कि पारंपरिक हिंदू पंचांग के अनुसार पहला महीना है। अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार महावीर जयंती अप्रैल महीने में आता है।
इस वर्ष महावीर जयंती 21 अप्रैल को आ रही है। महावीर जयंती के दिन अधिकतर स्कूल कॉलेजों में छुट्टी रहती है।
महावीर जयंती कैसे मनाया जाता है? How is Mahavir Jayanti celebrated?
इस जयंती को मनाया जाने के पीछे का मूल वजह भगवान महावीर के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना है इसलिए महावीर जयंती आने के कुछ दिन पहले से ही तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं।
महावीर जयंती के दिन जैन धर्म के अनुयाई जैन मंदिरों में एकत्रित होते हैं। इस दिन जैन धर्म के वरिष्ठ साधु-संतों तथा भिक्षुओं का महासम्मेलन होता है जिसमें वे भगवान महावीर का आशीर्वाद तथा उनके ज्ञान का प्रकाश लेने मंदिरों में जाते हैं।
इस महावीर जयंती के दिन पुलिस प्रशासन को भी वह चौकन्ना रहना पड़ता है क्योंकि इस दिन जैन समूह बड़ी मात्रा में झांकी निकालते हैं।
जो लोग संपन्न है वह बड़े-बड़े पंडाल लगाकर ग़रीबों को खाना खिलाते हैं और उनकी जरूरी मदद करते हैं।
महावीर जयंती के दिन निकाले जाने वाली झांकी में महावीर की तस्वीर तथा उनके विचारों को सजाया जाता है। निकाले गए जुलूस को रथ यात्रा कहां जाता है जिसमें महावीर नाम तथा भजन आदि गाया जाता है।
जैन धर्म को मानने वाले लोग पवित्रता और शुद्धता में विश्वास रखते हैं वह चाहे शरीर की हो या आत्मा की। जैन धर्म के साधु कड़ी तितिक्षा को सहते हैं जिसमें वे संपूर्ण रूप से गृहस्थ का त्याग करते हैं और आध्यात्मिकता के ओर अग्रसर होते हैं।
जैन धर्म के पाँच नैतिक व्रतों – अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, और अपरिग्रह का पालन करने के लिए भक्त इसे याद करते हैं और इसकी प्रतिज्ञा करते हैं।
वे लहसुन प्याज आदि से परहेज रखने वाले, फलों और सब्जियों के सख्त आहार का भी पालन करते हैं।
महावीर जयंती के दिन जैन लोग दिनभर अनुष्ठान तथा उपासना व ध्यान में अपना समय लगाते हैं और जैन संप्रदाय के कार्यक्रमों की रूपरेखा लगभग इसी दिन तैयार होती है क्योंकि इस दिन हर कोई इकट्ठा होता है।
महावीर जयंती का महत्व Importance of Mahavir Jayanti in Hindi
एक कहावत है कि “एक साधे सब सधे सब साधे सब जाए” अर्थात किसी एक चीज की साधना करने से सब कुछ सच सकता है लेकिन एक साथ सभी साधनाएं करने से कुछ भी हाथ नहीं लगता।
आज दुनियाँ को भगवान बुद्ध और महावीर के मार्ग पर चलने की जरूरत है क्योंकि दुनियाँ में आज दया करुणा की कमी हो चुकी है।
इस जयंती का महत्व इसलिए ज्यादा है कि यह एक ऐसा त्यौहार है जो लोगों को निस्वार्थ भाव से देना सिखाता है।
जैन संप्रदाय के अनुयायियों के लिए महावीर जयंती का महत्व सबसे ज्यादा होता है क्योंकि इसी दिन उन्हें ज्ञान का प्रकाश प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
महावीर जयंती का आध्यात्मिक महत्व भी है। चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ बताया गया है इस दिन किए हुए त्याग तपस्या का फल सीधे-सीधे करता को प्राप्त होता है तथा प्रेषित करने पर पाप से मुक्ति भी होती है।
भौतिक महत्ता के रूप में इस दिन जैन धर्म के लोग अपरिहार्य को स्वीकार करते हैं जिसमें वे नश्वर चीजों का त्याग करते हैं। दूसरी तरफ एक साथ एकत्रित होने पर परस्पर मेल भाव बढ़ता है तथा एकता की भावना मजबूत होती है।
महावीर जयंती पर 10 नारे Slogans on Mahavir Jayanti in Hindi
जियो और जीने दो”
कथन से विश्व विख्यात्
क्रांतिकारी महापुरुष श्री महावीर जयंती पर
जीवन में हो शांति की सौगात
साधना, तपस्या और अहिंसा के बल पर
सत्य का किया साक्षात्कार
हम सब मिल इसका करें प्रचार-प्रसार
अरिहंत शरणम सिद्ध प्रभु शरणम ।
साधू जीवन शरणम, जैन धर्म शरणम
अवतारी परमपुरुष हैं भगवान महावीर,
जिनका अवतार इस देश की पवित्र भूमि से दूर करे
मनुष्य के मन से बुरे विचार
कभी किसी से झूठ न बोलो
सच के लिए अपना मुँह खोलो
जब भी कभी बोलना चाहो
तो पहले शब्दों को तोलो
किसी की कभी न करो बुराई
मीठी वाणी मे सबकी भलाई
कभी कोई गलती कर जाओ
तो माफी से मुक्ति पाओ
युग की है यही पुकार,
फिर हो महावीर अवतार
जियो और जीने दो, गूँजे
हर घर, मंदिर, हर द्वार
माफी माँगना या फिर करना नहीं
कभी कोई इससे डरना
रखो सबसे मैत्री भाव
छोड़ो सब पर यह प्रभाव
अरिहंत मंगल सिद्ध प्रभु मंगल ।
साधू जीवन मंगल, जैन धर्म मंगल
क्षमा से बडा न कोई उपहार
होते इससे उच्च विचार
कभी न हिंसा किसी पे करना
सबसे ही मिलजुल कर रहना
कभी न हिंसा किसी पे करना
सबसे ही मिलजुल कर रहना
महावीर जयंती पर 10 लाइन 10 Lines on Mahavir Jayanti in Hindi
- श्वेताम्बर और दिगम्बर दोनों प्रकार के जैन मंदिरों को खूब सजाया जाता है
- आध्यात्मिकता की खोज में भगवान महावीर ने 30 वर्ष की आयु में स्वयं का घर छोड़ दिया।
- हर साल महावीर जयंती दुनियाँ वालों को अहिंसा और करुणा के पाठ को पढ़ाती है।
- यह महावीर जयंती केवल एक पर्व या उत्सव ही नहीं बल्कि सत्य, सादगी, अहिंसा और पवित्रता का प्रतीक है।
- महावीर का जन्म राज घराने में हुआ था। उनके पिता का नाम राजा सिद्धार्थ एवं माता का नाम रानी त्रिसला था।
- महावीर का अर्थ है महान योद्धा; क्योंकि इन्होंने बचपन में ही भयानक साँप को नियंत्रित कर लिया था।
- भगवान महावीर विवाह यशोदा से हुआ था और इनकी एक पुत्री भी थी, जिसका नाम प्रियदर्शना था।
- दर्शन के पांच यथार्थ सिद्धांत अहिंसा, सत्य, असत्ये, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह थे।
- इनकी मृत्यु के बाद इनके शरीर का क्रियाकर्म पावापुरी में किया गया, जो अब बड़े जैन मंदिर, जल मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।
- जैन धर्म को दुनियाँँ का सबसे अधिक शाकाहारी वर्ग कहा जाता है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने भगवान महावीर जयंती पर निबंध पढ़ा। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा।अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।धन्यवाद