इस लेख में हमने कबूतर पर निबंध (Essay on Pigeon in Hindi) लिखा है। परीक्षाओं में कबूतर पक्षी के ऊपर हिंदी निबंध अक्सर पूछ लिया जाता है। दिए गए निबंध में यह क्या है तथा उनकी प्रजातियों के बारे में आकर्षक रूप से लिखा गया है।
प्रस्तावना (कबूतर पर निबंध Essay on Pigeon in Hindi)
पूरी दुनिया में पक्षियों की अनेकों प्रजातियां पाई जाती हैं। जिनमें से कुछ पक्षी ऐसे होते हैं जिन्हें मनुष्य पालना पसंद करता है।
कबूतर के अंदर दिशा याद करने की चमत्कारीक शक्ति होती है जिसके कारण प्राचीन समय में इसे संदेश आदान-प्रदान का एक प्रमुख जरिया माना जाता था।
आज बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण पक्षियों के अनेक प्रजातियां का विनाश हो रहा है। जिनमें से कबूतर भी एक है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में कबूतरों की अनेकों प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं।
हालांकि आज भी कबूतरों की संख्या अधिक होने के कारण उन्हें विलुप्त प्रजातियों की सूची में शामिल नहीं किया जाता।
कबूतर पालन यह दुनिया का सबसे ज्यादा फलता फूलता व्यवसाय है जिसमें खर्च बहुत ही कम होने के कारण कबूतरों की खरीद-फरोख्त ज्यादा संख्या में की जाती है।
कबूतर क्या है? What is Pigeon in Hindi?
कबूतर एक शांत और डरपोक किस्म के पक्षी हैं। जो अक्सर झुंड में रहना पसंद करते हैं इनके रंग और दिखावट से कोई भी इनकी तरफ आसानी से आकर्षित हो जाता है।
इसका रंग मुख्यतः सफ़ेद, भूरा और स्लेटी होता है और गले पर नीली धारियां होती हैं जो प्रकाश में इन्हें और भी खूबसूरत दिखाती हैं।
कबूतर अपनी चोंच से अपने भोजन को को पकड़ता और खाता है। इसके पैर के नाखून ज्यादा नुकीले नहीं होते हैं जिससे यह पेड़ पौधों की डालियों पर अपनी पकड़ बनाता है।
प्राचीन समय में इन्हें शिक्षित कर जंग में संदेश आदान-प्रदान के लिए उपयोग किया जाता था जिसे जंगी कबूतर के नाम से जाना जाता था।
कबूतर क्या खाते हैं? What Do Pigeons Eat in Hindi?
कबूतर मिश्राहारी पक्षी होते हैं क्योंकि यह दाने, कीड़े मकोड़े और फल-फूल पर निर्भर होते हैं। इनके मुख्य भोजन में अन्न और कीड़े ही शामिल होते हैं।
जंगली कबूतर कीड़े मकोड़ों के साथ फल और पेड़ की पत्तियों को भी खाते हैं आम कबूतरों के मुकाबले यह ज्यादा आक्रामक होते है और तेज गति से उड़ते हैं।
इंसानों के साथ रहने वाले कबूतर दूध और पके हुए भोजन भी ग्रहण करते हैं। इनके लिए हुए भोजन की मात्रा बहुत ही कम होती है क्योंकि यह ज्यादातर एक ही स्थान पर बंद रहते हैं।
कबूतर कहाँ रहते हैं? Where Do Pigeons Live in Hindi?
कबूतर मुख्य तौर पर जंगलों और खुले स्थान पर रहना पसंद करते हैं। लेकिन शहरीकरण की अधिकता के कारण यह खिड़कियों और बिल्डिंगों के छत पर अपना बसेरा बनाते हैं।
मादा कबूतर अपने अंडों को अपने बनाए हुए घोंसले में ही देती है। क्योंकि अन्य पक्षी जैसे कोयल, तोता इत्यादि अन्य पक्षियों के घोंसले में से अपना घोंसला बना लेते हैं।
जहां पर तालाब और खाने-पीने की सामग्री पर्याप्त मात्रा में मिल जाती है वहां पर कबूतर ज्यादा पाए जाते हैं। लेकिन आज जंगल और तालाब की कमी होने के कारण यह मुख्य तौर पर इंसानों पर ही निर्भर रहने लगे हैं।
गर्मी के समय में कबूतर अपना घोंसला पेड़ की छांव में बनाना पसंद करते हैं और ठंडी आते ही गर्म स्थान की तलाश में लग जाते हैं जैसे इंसानी बस्ती इत्यादि।
ग्लोबल वार्मिंग के वजह से बढ़ते तापमान के कारण आज पशु पक्षियों की हालत बद से बदतर हो रही है जिनमें कबूतर भी शामिल है।
कुछ भारतीय त्योहार जैसे उत्तरायण और दिवाली से ऐसे पक्षियों का विनाश बहुत ही ज्यादा होता है इसलिए इन त्योहारों में से हानिकारक तत्वों को कम करने की आवश्यकता है।
कबूतर की विशेषता Pigeon Feature in Hindi
प्रकृति ने हर जीव जंतु व पशु पक्षियों के अंदर कुछ ना कुछ विशेषता जरूर दी है जैसे कि कबूतर के अंदर एक प्राकृतिक दिशा सूचक यंत्र होता है जिसके कारण वह कभी भी अपना मार्ग नहीं भूलता।
एक दिन में सैकड़ों किलोमीटर उड़ सकने की क्षमता वाला यह पक्षी बेहद तेज गति से उड़ने के लिए जाना जाता है। यह अपने पंखों को एक सेकंड में 10 बार फ़ड़काता है।
कबूतर के गले पर नीली धारियों के कारण यह खुद के शरीर का तापमान नियंत्रित कर पाता है। जब गर्मी अधिक होती है तो गले की नीली धारियों की चमक बढ़ जाती है और जब ठंडक ज्यादा होती है तो यह सामान्य हो जाता है।
दिखने में बेहद खूबसूरत लगने वाला यह पक्षी बच्चों का बहुत प्रिय भी होता है यह गुटूर गू की आवाज निकाल कर आपस में संवाद करता है।
कबूतर के अंदर कमाल की स्मृति शक्ति होती है जिसके कारण यह ज्यादातर इंसानों को याद रखता है। सिर्फ यही नहीं यह बेहद बुद्धिमान पक्षी भी माना जाता है क्योंकि अन्य पक्षियों की तरह यह अपनी परछाई से धोखा नहीं खाता बल्कि शीशे में अपने प्रतिबिंब को तुरंत ही पहचान लेता है।
प्राकृतिक संतुलन में पक्षियों का बहुत ही अधिक योगदान होता है। इनके द्वारा खाए गए तत्व और त्यागी गए मल जमीन को उर्वरक करने में सहायक होते हैं।
कबूतर की प्रजातियाँ Pigeon Species in Hindi
कुछ दशक पहले तक पूरी दुनिया में कबूतरों की सैकड़ों प्रजातियां हुआ करती थी लेकिन अब उनमें से दो से तीन दर्जन प्रजातियां वजूद में है।
कबूतर की प्रजातियों में मुख्य तौर पर गुलाबी गले वाला हरा कबूतर, वूरबर्ग, ओरिएंटल फ्रिल, इंग्लिश कैरियर, टंबलर, आर्क-एंगल, इंग्लिश ट्रंपटर इत्यादि पाए जाते हैं।
पर्यावरण में लगातार हो रहे परिवर्तन के कारण इनमें से बहुत सी प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। अगर विलुप्त होते इन पक्षियों पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने का बहुत बड़ा खतरा है।
कबूतर की कहानी Pigeon Story in Hindi
एक बार एक कबूतर और एक मैना पड़ोसी थे। कबूतर बहुत ही शांत और अपने काम से काम रखता था लेकिन मैंना अपना ज्यादा समय बातचीत करने और घूमने फिरने में लगाती थी।
कबूतर कड़क गर्मी में भी अपने लिए खाने पीने का सामान और अपना घोंसला बनाते रहता था लेकिन मैंना उसका मजाक उड़ाया करती थी।
पूरी गर्मी भर मेहनत करके कबूतर ने अपने लिए एक घोंसला और खाने-पीने का पूरा सामान जुटा लिया। जिससे कबूतर और उसका परिवार बरसात में पूरी तरह अपना गुजारा चला सकता था।
वही मैना ने अपना पूरा समय खेलकूद में गवा दिया और जैसे ही बारिश शुरु हुई तो रोने चीखने लगी। तभी कबूतर उसके परिवार ने उस पर दया करके उसे अपने घोसले में शरण दी।
अपने द्वारा किए गए मजाको के लिए मैंना ने कबूतर और उसके पूरे परिवार से माफी मांगी और उनकी सहायता से अपना घोंसला भी तैयार किया।
कबूतर पर 10 लाइन Few Lines on Pigeon in Hindi
- कबूतर उड़ते हुए 1 सेकंड में 10 बार अपने पंखों को फड़फड़ाता है।
- कबूतर का हृदय 1 मिनट में 600 बार धड़कता है।
- पुराने जमाने में कबूतर को कलाएं सिखा कर युद्ध में संदेश आदान प्रदान करने के लिए उपयोग में लिया जाता था।
- कबूतर प्रति घंटे 60 से 70 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ सकने में सक्षम होता है।
- इस पक्षी के अंदर कमाल के स्मरण शक्ति होती है जिसके कारण यह सैकड़ों किलोमीटर उड़ने के बाद भी अपना दिशा नहीं भूलता।
- मादा कबूतर एक बार में दो अंडे देती है जिसमें से बच्चे 19 से 20 दिनों किधर में निकलते हैं।
- कबूतर हर समय 20 से 30 के झुंड में रहते हैं और खतरा महसूस होने पर एक साथ उड़ जाते हैं।
- कबूतर के गले पर नीली धारियों के कारण यह खुद के शरीर का तापमान नियंत्रित कर पाता है।
- यह गर्मी में अपना घोंसला पेड़ पौधों पर बनाना पसंद करते हैं और ठंडी में इंसानी बस्ती में चले जाते हैं।
- वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि कबूतर का दिमाग इंसानों को पहचानने में भी काबिल है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में अपने कबूतर पर निबंध(Essay on pigeon in Hindi) हिंदी में पड़ा। आशा है यह निबंध आपके लिए सहायक से दुआ हो अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।