इस लेख में रामनवमी पर निबंध (Essay on Rama Navami in Hindi) दिया गया है। जिसमें रामनवमी क्या है तथा इसे कब और कैसे मनाया जाता है और साथ ही रामनवमी का महत्व को सरल रूप से लिखा गया है। लेख के अंत में रामनवमी पर दस लाइन इस लेख को आकर्षक बनाती है।
अनुक्रम
- 1 प्रस्तावना (रामनवमी पर निबंध Essay on Rama Navami in Hindi)
- 2 रामनवमी क्या है? What is Ramanavami in Hindi?
- 3 रामनवमी क्यों मनाया जाता है? Why is Ram Navami Celebrated in Hindi?
- 4 रामनवमी कब मनाया जाता है? When is Ram Navami Celebrated?
- 5 रामनवमी का महत्व Importance of Rama Navami Festival in Hindi
- 6 रामनवमी कैसे मनाया जाता है? How is Ram Navami Celebrated?
- 7 रामनवमी पर 10 कोट्स 10 Quotes on Rama Navami in Hindi
- 8 रामनवमी पर 10 लाइन Few Lines on Ram Navami in Hindi
- 9 निष्कर्ष Conclusion
सनातन संस्कृति में श्रीराम का बहुत योगदान है। भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है अर्थात धर्म और मर्यादा के कठोर पालक और पुरुषों में उत्तम।
सनातन संस्कृति में जितने भी देवी देवता हैं उनके स्थितियों में भिन्नता भले हो लेकिन एक चीज़ सामान्य होती है वह है उनका कठोर जीवन तथा अनुशासन।
कठोर तप अर्थात जीवन में राज्य और भोगों से विमुख होकर समाज की सेवा करना। श्री राम भी एक ऐसे ही उदाहरण हैं जिनके जीवन से ज्ञान का अथाह समुद्र बहता है। श्रीरामनवमी से सनातनी प्रजा का गहरा नाता है।
भगवान राम से जुडी हर चीज़ सनातन धर्म को मानने वालों के लिए श्रद्धा का विषय है और रामनवमी भी उन्ही में से एक है जिसे हर हिन्दू बड़े गर्व से मनाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। राम के जन्म के उपलक्ष को रामनवमी कहा जाता है।
रामनवमी को श्रीरामजन्मोत्सव के रूप में जाना जाता है। भगवान राम को भगवान विष्णु का सातवा अवतार माना जाता है।
जब धरती पर असुरों का अत्याचार बढ़ गया, तब प्रभु हरी ने राम अवतार लेकर धरती को पाप से मुक्त किया। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा जाता है की वे एक चक्रवर्ती सम्राट के पुत्र यानी राजकुमार होने के बावजूद आजीवन कष्ट को सहते रहे और लोगों की भलाई करते रहे।
रामनवमी साधुओं के लिए श्रद्धा का तो वीरों के लिए शौर्य का प्रतिक है। इसलिए पूरी दुनियाँ के हिन्दू इस त्योहार में गहरी रूचि रखते हैं।
भगवान राम का जन्म भी सामान्य इंसान के रूप में हुआ और सामान्य बालकों की तरह वे भी बाल्यकाल में गुरुकुल में ऋषि वशिष्ठ से शिक्षा प्राप्त की।
राम जी ने अपने किशोरावस्था में अन्य किशोरों के तरह ही शास्त्र और शस्त्र विद्या को ग्रहण किया और आम इंसानों की तरह ही अपने ज्ञान और बुद्धि बल को विकसित किया और शुरुवाती कठिनाइयों से पार पाया।
युवावस्था में जाते-जाते उनके ऊपर तमाम राक्षसों के द्वारा हमले होने शुरू हुए और एक सामान्य इंसान की तरह ही श्रीराम ने उन सभी राक्षसों पर विजय प्राप्त किया। युवावस्था में उनका विवाह राजा जनक की पुत्री जानकी यानी माता सीता से हुआ।
लेकिन जैसे ही विवाह संपन्न हुआ तो कैकेयी ने भरत को राजा बनाने के लिए श्री राम को चौदह वर्ष का वनवास दिला दिया। चक्रवर्ती सम्राट के सुकुमार और माता सीता साथ ही श्री लक्ष्मण जी ने अपने माता-पिता के आज्ञा के पालन के लिए चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार किया।
वनवास के दौरान कठिन समय शुरू ही हुए थे की रावण ने छल से माता सीता का हरण कर लिया और उनके समुद्र पार लंका ले गया।
भगवान राम ने बेहद कम सुविधा-साधनों और सेना जिसमें मुख्यतः जंगली प्रजाति शामिल थे उन्हें लेकर रावण की विशाल सेना का नाश किया और माता सीता को वापस लेकर आये लेकिन तमाम कारणों से वे फिर ख़ुशी से न रह सके।
भगवान के द्वारा इतना त्याग ही इंसानों के लिए एक प्रेरणा है जिसके कारण दुनियाँ के कोने-कोने में श्रीराम के अंश उनके इन्ही त्याग-तप को याद करने और ग्रहण करने के लिए रामनवमी मनाते हैं।
रामनवमी चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है और अंग्रेजी कैलंडर के अनुसार अप्रैल या मई के महीने में आता है। इस वर्ष रामनवमी 21 मई दिन शुक्रवार को पड़ रहा है।
चैत्र महीने शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को ज्योतिष की दृष्टि से बहुत ही शुभ माना जाता है इसलिए इस दिन अखंड रामायण और सुन्दरकाण्ड के पाठ के माध्यम से इसे एक पर्व के रूप में मनाया जाता है।
अनेक मुस्लिम देश जैसे मलेशिया, इंडोनेशिया में आज भी बहुत से स्थान पर रामचरितमानस मानस को पढ़ा जाता है। बल्कि इंडोनेशिया में तो किसी भी बच्चे के जन्म पर रामायण का पाठ किया जाता है।
यहाँ तक की इंडोनेशिया की करंसी पर भगवान गणेश की फ़ोटो छापी रहती है। इसलिए अनेक स्थानों पर रामनवमी अलग समय तथा रीति से मनाया जाता है।
वैसे तो रामनवमी एक सामान्य तारीख जैसी ही है लेकिन प्रभु राम का जीवनकाल इस तारीख को अद्वितीय बना देता है। क्योंकि हर हिन्दू के लिए श्री राम श्रद्धेय हैं।
श्री राम के जीवन से इतने गहन बोध मिलते हैं जिसकी कोई सीमा नहीं है। श्रीराम के जीवन से त्याग-तप और उत्तमता की सीख मिलती है। इसलिए रामनवमी का महत्व और भी बढ़ जाता है।
जिस प्रकार श्री राम ने बाल्यकाल में एक साधारण मनुष्य की तरह ही ज्ञान अर्जन की प्रक्रिया और अनुशासन का पालन किया उससे हर उम्र के लोगों को यह सीख मिलती है की हर किसी को ज्ञान अर्जन पर अधिक जोर देना चाहिए।
प्रभु राम किशोरावस्था से यह सीख मिलती है की समय के साथ शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को मजबूत करते रहना चाहिए और श्री राम के युवावस्था से यह सीख मिलती है की जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ हों और साधन-सुविधा कितनी भी कम क्यों न हों, अगर संघर्ष और आत्मविश्वास को जीवित रखा जाए तो सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
रामनवमी के उपलक्ष पर बेहद उल्लास का माहौल रहता है। श्रीराम के भक्तों में श्रद्धा और भक्ति चरम पर रहती है इसलिए रामनवमी के दिन प्रातः राम मंदिर में राम भक्तों की होड़ लगी रहती है।
मंदिरों में प्रभु राम और उनके दरबार को सजाया जाता है और अनेक अनुष्ठान रखे जाते हैं हर कोई अपनी स्थिति के अनुसार भगवान् राम की पूजा-अर्चना करता है। कई स्थानों पर श्री रामजन्मोत्सव की झांकी निकाली जाती है जिसमें हिन्दू समूहों का सैलाब उमड़ा हुआ रहता है।
कई घरों में विशेष सजावट होती है तथा पवित्र कलश की स्थापना की जाती है। श्रीराम जी का पूजन कर, भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। इस दिन विशेष तौर पर श्रीराम के साथ माता जानकी और लक्ष्मण जी की भी पूजा होती है।
भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में रामनवमी के दिन भक्तों का विशेष जन सैलाब उमड़ा हुआ होता है की उनके देख-रेख के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये जाते हैं।
रामनवमी के समय अयोध्या में भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से भक्तगणों के अलावा साधु-संन्यासी भी पहुंचते हैं और राम जन्म का उत्सव मनाते हैं।
- रामनाम की लूट है लूट सके तो लूट एक दिन ऐसा आएगा जब प्राण जाएंगे छुट।
- श्रीराम का चरित्र स्वयं में ही महाकाव्य है।
- श्री राम का वंशज हूँ मैं, गीता ही मेरी गाथा है,गर्व से कहता हूँ, भारत ही मेरी माता है।
- हाथ में तलवार हैं, वाणी की भी धार हैं,फिर भी रहते शांत हैं, क्योंकि श्रीराम के संस्कार हैं।
- बुराई दम तोड़ देगी, इसमें कितना जोर है, अब तो चारों तरफ राम नाम का ही शोर है।
- माला से मोती तुम तोड़ा ना करो, धर्म से मुँह तुम मोड़ा ना करो, बहुत कीमती हैं जय श्रीराम का नाम, जय श्रीराम बोलना कभी छोड़ा ना करो।
- चप्पा चप्पा भर जाएगा श्रीराम के दीवानों से, सारा देश गूंज उठेगा, जय सियाराम के जयकारों से।
- ब्राह्मण हूँ, हिंदुत्व की बात जरूर करूँगा, एक बार नहीं, मैं हजार बार जय श्री राम कहूँगा।
- गली-गली में ऐलान होना चाहिए, हर घर में राम होना चाहिए।
- रघुकुल रीति सदा चलि आई, प्राण जाए पर वचन न जाई।
- राम नवमी के दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था इसलिए यह पूरी दुनिया के हिंदुओं के लिए एक पवित्र पर्व है।
- रामनवमी चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी को आता है जिसे बेहद शुभ मुहूर्त माना जाता है।
- अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार रामनवमी अप्रैल या मई महीने में आता है।
- अयोध्या में रामनवमी के दिन विशेष झांकी और मेले का आयोजन होता है जिसे पूरी दुनिया से लोग देखने आते हैं।
- रामनवमी के दिन अखंड रामायण तथा रामचरितमानस का पाठ किया जाता है।
- राम जन्मोत्सव पर कई जगहों पर विशाल रामलीला का आयोजन किया जाता है जिसे पूरे भारत से लोग देखने आते हैं।
- रामनवमी के दिन कई भक्त पूजा अर्चना करने के बाद गंगा स्नान अवश्य करने जाते हैं।
- रामनवमी के उपलक्ष पर बड़े-बड़े पंडाल सजाए जाते हैं जिससे सामूहिक भंडारे और राम कथा का आयोजन होता है।
- श्रीलंका तथा इंडोनेशिया जैसे देशों में भी रामनवमी को विशेष रूप से मनाया जाता है।
- रामनवमी को मनाने का सबसे बड़ा कारण बुराई पर अच्छाई की जीत को हमेशा याद करना है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने रामनवमी पर निबंध (Essay on Rama Navami in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको आकर्षक लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।