सुनामी पर निबंध Essay on Tsunami in Hindi

इस लेख में हमने सुनामी पर निबंध (Essay on Tsunami in Hindi) बेहद आकर्षक रूप से लिखा है। दिए गए निबंध में सुनामी क्या है तथा इसके आने के कारण व प्रभाव साथ ही सुनामी से बचाव के उपाय दिए गए हैं। अगर आप सुनामी के ऊपर निबंध खोज रहे हैं तो यह लेख आपकी बड़ी मदद कर सकता है। 

प्रस्तावना (सुनामी पर निबंध Essay on TSunami in Hindi)

सुनामी को सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदा के रूप में गिना जाता है। यह आपदा जहां भी आती है वहां सर्वनाश करती हुई चली जाती है।

सुनामी यह समुद्र से जन्म लेने वाली एक भयंकर प्राकृतिक आपदा है। सुनामी आने पर एक साथ कई देशों में भय का माहौल होता है क्योंकि इस प्राकृतिक आपदा से बचने का कोई उपाय आधुनिक विज्ञान के पास नहीं है।

समुद्र से शुरू होकर सुनामी अपने अंदर पहाड़, नदी नाले, मलबे सभी को समाहित करती हुई आगे बढ़ती है इसलिए इसे बेहद ही खतरनाक माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि सुनामी को सबसे पहले परिभाषित ग्रीक लोगों ने किया। सुनामी आने पर समुद्र की लहरें सैकड़ों किलोमीटर तक ऊंची हो सकती हैं। आज तक की सबसे भयंकर सुनामी अलास्का की खाड़ी में आई थी इसकी लहरों की ऊंचाई 524 मीटर तक दर्ज की गई थी।

जो देश समुद्र के करीब होते हैं वहां पर सुनामी आने का खतरा बेहद अधिक रहता है। सन 2004 में भारत में सुनामी आई थी इसकी शुरुआत इंडोनेशिया से हुई थी। इस सुनामी ने इंडोनेशिया से चलकर भारत, थाईलैंड, मालदीव, बांग्लादेश में भयंकर तबाही मचाई थी

आधुनिक विज्ञान ऐसी तकनीक विकसित कर चुका है जिससे सुनामी की जानकारी कुछ समय पहले मिल जाती है। लेकिन अगर इन प्राकृतिक आपदाओं से स्थायी निजात पाना हो तो प्रकृति संरक्षण ही एकमात्र उपाय है।

सुनामी क्या है? What is Tsunami in Hindi?

जब समुद्र तल में भूकंप आते हैं तो उसके कंपन्न से बड़ी-बड़ी लहरें उठने लगती हैं। उन लहरों में वायुदाब अधिक होने पर वह गतिमान तथा विनाशकारी रूप धारण कर लेते हैं जिन्हें सुनामी कहा जाता है। 

कभी-कभी ज्वालामुखी में विस्फोट होने पर भयंकर कंपन्न उत्पन्न होता है जिसके कारण भी सुनामी आने का खतरा रहता है। भूस्खलन तथा चक्रवात के कारण भी सुनामी का जन्म हो सकता है।

धार्मिक ग्रंथ सुनामी को प्राकृतिक परिवर्तन तथा पाप उन्मूलन का कारण बताते हैं। जो आज के समय में शत प्रतिशत सही साबित हो रहा है। क्योंकि आज इंसान अपनी स्वार्थ लोलुपता के कारण प्रकृति का दोहन कर रहा है और जिसके परिणाम स्वरूप प्रकृति विनाश का रूप धारण करती है।

सुनामी आने के कारण Reasons of Coming Tsunami in Hindi

क्या आपको पता है – सुनामी आने के कारणों में भूस्खलन, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, अतिवर्षा तथा चक्रवात को शामिल हैं।

समुद्र के अंदर बन रहे ज्वारीय तरंगों के कारण सुनामी उत्पन्न होती हैं। ज्वारीय तरंगे प्राकृतिक असंतुलन के कारण उत्पन्न होती हैं।

सुनामी के लिए सबसे अधिक जवाबदार लहरें हैं। लहरें जितनी ऊंची उठती हैं उनका खतरा उतना ही बढ़ जाता है। सुनामी को रोकना लगभग नामुमकिन ही होता है।

आज शहरीकरण और विकास के नाम पर सैकड़ों वृक्षों को हर घंटे काटा जा रहा है। लेकिन इंसान इसके परिणाम से जानबूझकर अनभिज्ञ बनने की कोशिश कर रहा है।

मानव जीवन को सुरक्षित रखने के लिए प्रकृति का संतुलन बेहद जरूरी है और वृक्षों का प्राकृतिक संतुलन में बहुत बड़ा योगदान होता है। वृक्षों से ऋतु चक्र संतुलित रहते हैं। वृक्षों के माध्यम से जमीन का कटाव रुकता है तथा जीने के लिए सबसे जरूरी ऑक्सीजन गैस का निर्माण होता है।इस कारण हमे जादा से जादा वृक्षारोपण करना चाहिए।

वनों के आच्छादन के कारण आज ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ चुकी है। धरती का सामान्य तापमान बेहद बढ़ चुका है जिसके कारण ग्लेशियर बड़ी तेजी से पिघल रहे हैं।

ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र का स्तर ऊंचा उठ रहा है। समुद्र का स्तर जितना ऊंचा उठता है उसमें कंपन्न बनने और सुनामी आने का खतरा उतना ही ज्यादा रहता है।

विकास के नाम पर इंसान प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कर रहा है। बड़ी-बड़ी नदियों के जल रोक कर समुद्र चक को बाधित कर रहा है। सिर्फ यही नहीं समुद्रों में कृत्रिम टापू बनाकर प्रकृति को सीधे चुनौती दे रहा है।

मनुष्य ने अपने मस्तिष्क के दम पर बहुत विकास किया है और उसे नियमित विकास करते रहने का भी पूरा हक है। लेकिन उसे प्रकृति को समझना होगा और अपने वजूद को प्रकृति के साथ जोड़ना होगा तब जाकर इन आपदाओं से मुक्ति मुमकिन हो सकेगी।

सुनामी के प्रभाव Tsunami Effects in Hindi

9 जुलाई सन 1958 के दिन इतिहास की सबसे बड़ी सुनामी दर्ज की गई थी। अलास्का की खाड़ी में आया हुआ भूकंप का झटका एक विनाशकारी सुनामी का रूप धारण कर लिया और देखते ही देखते लाखों लोग मृत्यु के मुख में समा गए।

अलास्का की खाड़ी में बेहद ऊंचे तथा चौड़े पर्वत मौजूद हैं। इस सुनामी की विनाशकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुनामी में ऊंचे ऊंचे पर्वत भी बह गए थे।

सुनामी आने पर मनुष्य लाचार हो जाता है और अपने विकास के अभिमान तथा मानकों को चूर चूर होते देखता है। सुनामी आने पर विस्थापन के अलावा और कोई उपाय कारगर साबित नहीं होता।

जब सुनामी आता है उस समय मनुष्य का एक बड़ा वर्ग प्राण गवा देता है तथा उससे भी अधिक लोग अपने आवास को छोड़ सुरक्षित स्थान पर चले जाते हैं।

सुनामी आने पर बड़ी बड़ी बिल्डिंगें, मोटर गाड़ी सब कुछ कुछ ही सेकंड में बह जाते हैं। सुनामी के एक छोटे से प्रभाव से भी पूरे देश की स्थिति बिगड़ सकती है।

प्राकृतिक आपदा सुनामी के कारण यातायात ठप्प हो जाता हैं तथा संपर्क एक टूट जाता है, साथ ही कोई राहत कार्य मुमकिन नहीं हो पाता। सुनामी आने के कारण लाखों-करोड़ों कि सरकारी संपत्ति का यूं ही नाश हो जाता है। साथ ही करोड़ों रुपयों का उपयोग स्थिति को फिर से सामान्य करने में लगाना पड़ता है।

सुनामी के जाने के बाद कई भयंकर रोगों का जन्म होता है। उदाहरण के तौर पर गुजरात में आई एक बाढ़ के बाद प्लेग जैसी महामारी उत्पन्न हो गई थी जिससे हजारों लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।

किसी भी प्राकृतिक आपदा के बाद जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है तथा उन्हें सोचने पर मजबूर करता है कि किन कारणवश उन्हें इतनी बड़ी त्रासदी का भोग बनना पड़ा।

सुनामी से बचाव के उपाय (प्रबंधन) Tsunami Prevention Measures in Hindi

किन्हीं भी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए पहले से तैयारी की जाती है। सुनामी से बचने के लिए पहले से की गई तैयारी बेहद कारगर साबित होती है। क्योंकि सुनामी यह बेहद तीव्र गति से चलती है और पल भर में सब कुछ समाप्त कर देती है।

आज लगभग हर देश के पास सुनामी से बचने के लिए चेतावनी सिस्टम है तथा ऐसी तकनीक भी विकसित की जा चुकी हैं जिनके माध्यम से सुनामी की गति तथा भयानकता का अंदाजा लगाया जा सके।

सुनामी की चेतावनी मिलते ही सर्वप्रथम समुद्र तटों पर रहने वाले लोगों को किन्ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा देना चाहिए। नदियों तालाबों के किनारे रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा देना चाहिए।

प्रशासन को पहले से ही सतर्क और सक्रिय रहना चाहिए। जल विभाग, बिजली विभाग, मेडिकल विभाग तथा खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा सुनामी से बचने की रणनीति पहले से ही बनाई जानी चाहिए।

सुनामी जैसे प्राकृतिक आपदाओं के संकेत मिलते ही अन्न, जल तथा दवाइयों का संग्रह कर लेना चाहिए। पशुओं को खोलकर किन्हीं सुरक्षित स्थान पर पहुँचा देना चाहिए।

याद सुनामी आने पर जितना हो सके रक्षा टीम के संपर्क में रहना चाहिए तथा टीवी, रेडियो या इंटरनेट के माध्यम से सटीक जानकारी प्राप्त करते रहना चाहिए और अफवाहों से बचना चाहिए।

सुनामी आने पर अपने जीवन को महत्व ज्यादा देना चाहिए ना कि अन्य सामान को। क्योंकि जीवन होने पर वस्तुएं फिर से जुटाई जा सकती है।

स्थाई सुरक्षा के लिए पर्यावरण की शुद्धि ही एकमात्र विकल्प है। काटे गए वृक्षों के स्थान पर नए वृक्ष लगाने की आवश्यकता है। हानिकारक गैसों तथा केमिकल्स का न्याय मार्ग खोजने की आवश्यकता है।

प्रकृति से छेड़छाड़ करने के स्थान पर प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर रहने की आवश्यकता है। यह सामान्य से दिखने वाले सूत्र किन्हीं भी प्राकृतिक आपदाओं से स्थाई बचाव के उपाय हैं।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने सुनामी पर निबंध (Essay on Tsunami in Hindi) पढ़ा जिसमें सुनामी के बारे में विस्तार से जाना। आशा है यह लेख आपको सरल तथा मददगार लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें। 

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