पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

इस लेख में पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध (Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi) लिखा गया है।

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के कारण पंडित नेहरू के विषय में छोटी बड़ी लगभग सभी परीक्षाओं में निबंध पूछा जाता है। यह निबंध बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है आशा है आपको यह निबंध जानकारी से भरपूर लगेगी।

प्रस्तावना (पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi)

आज के समय में भारत पूरी दुनिया में एक अलग स्थान रखता है। भारत को इतनी ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए न जाने कितने लोगों ने अपना जीवन देश के लिए बलिदान कर दिया है। 

जब भारत ब्रिटेन का गुलाम था तब महान राजनेताओं और क्रांतिकारियों ने मिलकर भारत को एक स्वतंत्र देश बनाया। पंडित जवाहरलाल नेहरू जो स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे उन्होंने देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

जवाहरलाल नेहरू का जन्म कश्मीरी पंडित के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू तथा माता का नाम स्वरूप रानी नेहरू था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता पेशे से ब्रिटिश गवर्नमेंट में एक नामी वकील थे। इसीलिए मोतीलाल नेहरू चाहते थे कि उनका पुत्र भी एक प्रसिद्ध बैरिस्टर बने।

जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा विदेशों के सबसे जाने-माने शिक्षा संस्थानों पर संपन्न हुई। पंडित नेहरू उस समय विदेश जाकर अपनी पढ़ाई कर रहे थे जिस समय  ब्रिटिश  सरकार भारत को एक गरीब और पिछड़ा देश समझती थी।

अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत लौटने के बाद नेहरू गांधी जी की विचारधारा से बहुत आकर्षित हुए। कुछ समय बाद गांधी जी के संपर्क में आकर उन्होंने कई सारे आंदोलनों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रारंभिक जीवन Early Life of Jawaharlal Nehru in Hindi

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था जो एक बहुत प्रख्यात बैरिस्टर थे। पंडित नेहरू की माता का नाम स्वरूप रानी था जो लाहौर के प्रख्यात कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी।

मोतीलाल नेहरू के कुल तीन बच्चे थे जिनमें जवाहरलाल नेहरू इकलौते पुत्र थे और 2 बेटियां थी जिनमें  जवाहरलाल नेहरू सबसे बड़े थे।

जवाहरलाल नेहरू के पिता वकील थे इसलिए वे अपने पुत्र को भी उसी दिशा में आगे बढ़ाना चाहते थे। अपने पिता के जैसे ही जवाहरलाल नेहरू भी उस समय देश के लिए कुछ करने की इच्छा रखते थे।

नेहरू बचपन से ही पढ़ने में रुचि रखते थे। अपने पिता के जैसे ही वह भी बड़े होकर एक प्रख्यात वकील बनना चाहते थे उन्होंने अपनी पढ़ाई विदेशों से की।

शिक्षा Education of Jawaharlal Nehru in Hindi

जवाहरलाल नेहरू का परिवार आर्थिक रूप से बहुत ही संपन्न था, जिससे पंडित नेहरू को दुनिया के कुछ सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों से पढ़ने का मौका मिला।

उन्होंने अपनी  प्रारंभिक शिक्षा हैरो स्कूल से पूरी करने के बाद ट्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज जोकि लंदन के सबसे प्रख्यात विश्वविद्यालय में से एक है वहां अपनी पढ़ाई की।

कॉलेज की शिक्षा खत्म करने के बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा ग्रहण की। जवाहरलाल नेहरू अंग्रेजी के बहुत अच्छे ज्ञाता थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं वापस अपने वतन भारत लौट गए।

राजनीतिक करियर Political Career of Jawaharlal Nehru in Hindi

1912 में जवाहरलाल नेहरू कानून की पढ़ाई पूरी करके भारत आ गए और वकालत का कार्य आरंभ कर दिया।

भारत लौटने के बाद पंडित नेहरू महात्मा गांधी के विचारों से बहुत प्रभावित हुए। देश की आजादी में अपना योगदान देने के लिए बाल तिलक द्वारा स्थापित होम रूल लीग में 1917 जुड़े।

कुछ समय बाद 1919 में पंडित नेहरू की मुलाकात गांधी जी से हुई जिस समय रोलेट अधिनियम के विरोध में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आंदोलन चलाया जा रहा था। जवाहरलाल नेहरू ने इस आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपना योगदान दिया।

ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध सविनय अवज्ञा आंदोलन में  पंडित नेहरू की अहम भूमिका रही है। इसके बाद पूरे देश में जवाहरलाल नेहरू को जाना जाने लगा।

गांधी जी के उपदेशों से प्रभावित होकर जवाहरलाल नेहरू ने अपने पूरे परिवार के साथ ब्रिटिश सरकार के विरोध में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा स्वदेशी अपनाने पर अधिक बल दिया तथा पश्चिमी देशों में बने वस्त्र त्याग कर खादी से बने कपड़े और टोपी धारण करने लगे।

अब तक के सभी आंदोलन में पंडित नेहरू प्रत्यक्ष रूप से आगे नहीं आए थे किंतु 1920 से 1922 तक चले असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिए और ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध खूब विरोध किया जिसके लिए उन्हें  जेल भी जाना पड़ा था।

 जवाहरलाल नेहरू 1924 में इलाहाबाद में नगर निगम के प्रमुख चुने गए जहां उन्होंने 2 वर्ष तक काम किया और 1926 में त्यागपत्र दे दिया।

जवाहरलाल नेहरू की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि 1929 में लाहौर में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष चुन लिए गए।

गांधी जी के नेतृत्व में पंडित नेहरू ने 1930 में ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर लगाए अन्याय पूर्ण कानून के खिलाफ दांडी मार्च में हिस्सा लिया। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन  के बाद 1947 में कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री के पद के लिए चुनाव लड़े।

स्वतंत्र भारत में पहली बार हुए चुनाव में सरदार वल्लभ भाई पटेल को बहुमत मिला था किंतु गांधी जी के कहने पर पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए।

जवाहरलाल नेहरू के कार्य Works of Jawaharlal Nehru in Hindi

भारत को जब ब्रिटिश सरकार से स्वतंत्रता मिली तो वह कुल 565 देसी रियासतों में बटा हुआ था। अपने कुशल बुद्धि तथा रणनीति से जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और वीपी मेनन के भागीदारी में सभी 565 देसी रियासतों को भारत में विलय कर लिया गया।

भारत के आजाद होने के बाद चीन हमेशा से भारत के सीमा पर अपना अधिकार होने का दावा करता है। चीन ने जब तिब्बत पर कब्जा किया था तो वहां के धर्मगुरु दलाई लामा को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से प्रार्थना करने पर भारत में शरण दी थी।

दलाई लामा को भारत में शरण देने के कारण चीन भारत के सीमा पर भी अपना दावा करने लगा। 1962 में धोखे से चाइना ने अचानक से भारत पर हमला कर दिया और भारत के उत्तर पश्चिम मैं स्थित सीमा से लगने वाले कुछ भाग पर अपना कब्जा कर लिया।

 जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में भारत के इस प्रकार हादसे पूरा देश गुस्से में था और कांग्रेस पार्टी की बहुत अधिक आलोचना हो रही थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू को  भारत का यह जगह होने पर बहुत दुख था। 

निजी जीवन Personal Life of Jawaharlal Nehru in Hindi

पंडित जवाहरलाल नेहरू एक अच्छे राजनीतिज्ञ की तरह बहुत अच्छे लेखक भी थे। पंडित नेहरू जब भारत आए थे तब 7 फरवरी 1916 में उनका विवाह कमला नेहरू से हुआ था।

कमला नेहरू दिल्ली के एक प्रमुख व्यापारी पंडित ‘जवाहरलालमल’ और राजपति कॉल की पुत्री थी। विवाह के कुछ समय बाद उनकी एक प्यारी सी पुत्री हुई  जिसका नाम इंदिरा रखा गया। इंदिरा गांधी आगे चलकर भारत की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी।

जवाहरलाल नेहरू को बच्चे बहुत प्रिय लगते थे। उनका मानना था कि यह बच्चे ही आगे चलकर देश का भविष्य निर्धारित करेंगे। इसलिए पंडित नेहरू के जन्म तिथि 14 नवंबर को पूरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू पर 10 लाइन Best 10 Lines on Jawaharlal Nehru in Hindi

  1. चाचा नेहरू जो स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे उन्होंने देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया
  2. पंडित नेहरू का जन्म कश्मीरी पंडित के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। 
  3. उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू तथा माता का नाम स्वरूप रानी नेहरू था।
  4. अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत लौटने के बाद नेहरू गांधी जी की विचारधारा से बहुत आकर्षित हुए।
  5. पंडित नेहरू के जन्म तिथि 14 नवंबर को पूरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  6. जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद जिले में हुआ था।
  7. मोतीलाल नेहरू के कुल तीन बच्चे थे जिनमें जवाहरलाल नेहरू इकलौते पुत्र थे।
  8. कॉलेज की शिक्षा खत्म करने के बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा ग्रहण की
  9. 1919 में पंडित नेहरू की मुलाकात गांधी जी से हुई जिस समय रोलेट अधिनियम के  विरोध में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आंदोलन चलाया जा रहा था।
  10. तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से प्रार्थना करने पर भारत में शरण दी थी।

मृत्यु Death

जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु के सम्बन्ध में बहुत लोगों के अलग अलग तर्क हैं लेकिन जो बात भारतीय कांग्रेस पार्टी द्वारा कही जाती है वह यह है की जवाहर लाल चीन द्वारा मिले धोखे के बाद विरोधियों के निशाने पर आ चुके थे।

उसके बाद वे काफी बीमार रहने लगे थे और एक बार 26 मई 1964 की अगली सुबह नेहरु की पीठ में लगातार दर्द होना शुरू हो गया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

जब तक उन्हें डॉक्टर देख पाते तब तक उनके प्राण निकल चुके थे 27 मई 1964 की दोपहर को लोकसभा ने यह ऐलान किया की नेहरु अब नहीं रहे। 

मृत्य के कारण में हार्ट अटैक बताया गया लेकिन कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है की नेहरु की मौत की असली रिपोर्ट को छुपाया गया। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने जवाहरलाल नेहरु पर निबंध हिंदी में (Jawaharlal Nehru Essay in Hindi) पढ़ा। आशा है यह निबंध आपके लिए मददगार साबित हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें। 

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