क्या आप परोपकार के ऊपर निबंध (Essay on Philanthropy in Hindi) की खोज कर रहे हैं? अगर हां! तो यह लेख आपके लिए बेहद मददगार साबित होने वाला है।क्योंकि इस लेख में आग परोपकार पर निबंध हिंदी में पढ़ेंगे।
यह लेख बेहद ही सरल भाषा में दिया गया है, जिसमें परोपकार की परिभाषा तथा महत्व साथ ही लाभ और लेख कें अंत में परोपकार पर दस लाईनें इस निबंध को और भी आकर्षक बनाती हैं।
प्रस्तावना (परोपकार पर निबंध Essay on Philanthropy in Hindi)
प्रकृति के नियम के अनुसार जो जैसा करता है, उसे वैसा फल प्राप्त होता है। इंसान द्वारा किए गए कर्मों के परिणाम उसे अवश्य ही भुगतने पड़ते हैं चाहे वह छल हो या परोपकार।
आज के समय में मानव बेहद ही स्वार्थी हो गया है। उसे ना प्रकृति की चिंता है ना अपने समाज तथा राष्ट्र की। अपनी स्वार्थपरता के कारण वह तमाम जरूरी बातों से मुंह मोड़े हुआ है।
शास्त्रों में परोपकार को साधना का एक जरूरी अंग कहा गया है और हर साधना के साथ परोपकार का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि जिसके अंदर परोपकार की भावना नहीं है वह ज्यादा प्रगति नहीं कर सकता।
परोपकार की परिभाषा Definition of Philanthropy in Hindi
परोपकार शब्द संस्कृत के “पर” और “उपकार” शब्द से मिलकर बना हुआ है। पर अर्थात दूसरों पर उपकार अर्थात उपकार या मदद।
जब किसी के ऊपर बिना स्वार्थ के कोई उपकार किया जाता है तो उसे परोपकार कहा जाता है। लेकिन जिस उपकार में निजी स्वार्थ निहित हो उसे परोपकार नहीं कहा जा सकता।
उदाहरण के तौर पर अगर हम किसी गरीब को बिना किसी स्वार्थ के भोजन देते हैं तो वह परोपकार की श्रेणी में गिना जाएगा। आज के समय बहुत सी ऐसी संस्थाएं हैं जो बिना किसी स्वार्थ के लोगों की सेवा कर रहे हैं।
परोपकार का महत्व Importance of Philanthropy in Hindi
महान कवि रहीम के दोहों से परोपकार का महत्व भली-भांति जाहिर होता है। कवि रहीम आजीवन परोपकार के अप्रतिम उदाहरण रहे। कवि रहीम कहते हैं
तरुवर फल नहिं खात है
सरवर पियहि न पान।
कहि रहीम पर काज हित,
संपति सँचहि सुजान।
अर्थात पेड़ कभी भी अपना फल स्वयं नहीं खाता वह परोपकार के रूप में उसे अन्य सजीवों को समर्पित कर देता है। ठीक है ऐसे ही कोई भी नदी अपने जल को स्वयं ग्रहण नहीं करती है उसे जनजीवन को पूर्णत: समर्पित कर देती है। कवि रहीम कहते हैं कि इनकी तरह जो इंसान परोपकार के काम करता है वह उसकी सच्ची संपत्ति मानी जाती है।
परोपकार का महत्व आध्यात्मिक दृष्टि से भी बेहद ही अधिक माना जाता है क्योंकि इससे अहंकार का नाश होता है तथा सद्गुणों का विकास होता है। परोपकार के माध्यम से समाज के पिछड़े वर्गों का जीवन सरल बनता है।
परोपकार से समाज में समरसता तथा प्रसन्नता की बढ़ोतरी होती है। प्रकृति का नियम है कि जो जिस भाव को प्रकट करेगा उसे वही भाव दोगुना होकर मिलेगा।
शास्त्रों में दान पुण्य को प्रथम स्तर का कर्म माना गया है। दान पुण्य से इंसान के ग्रह बाधाएं दूर होते हैं और स्वार्थ तथा जमाखोरी जैसे दुर्गुणों का नाश होता है।
सनातन संस्कृति के सार के रूप में परोपकार को लिया जा सकता है इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने परोपकार के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया।
प्राचीन काल में गुरुकुल के माध्यम से परोपकार को धर्म के एक विशेष पहलू के रूप में पढ़ाया जाता था। जिसके माध्यम से बालकों में शुरुआत से ही परोपकार की भावना जागृत रहती थी।
युवावस्था तथा प्रौढ़ावस्था तक जाते-जाते परोपकार की भावनाएं बेहद पक चुकी होती थी जिससे समाज में सद्गुण तथा सकारात्मकता बने रहती थी।
हमारे घर के पुराने लोगों के माध्यम से ऐसी कहानियां व भजन सुनने को मिलता था जिसमें परोपकार को एक विशेष गुण तथा सबसे जरूरी कर्म के रूप में अति आवश्यक कर्म बताया जाता था।
आज ज्यादातर इंसानों के अंदर से संवेदनशीलता तथा परोपकार समाप्त हो चुकी है। आए दिन ऐसी खबरें देखने को मिलती है जहां परोपकार तो दूर इंसानियत भी देखने को नहीं मिलती।
परोपकार ही जीवन का सार Philanthropy The Definition of life in Hindi
सनातन संस्कृति में परोपकार को ही जीवन का सार कहा गया है। हर पूजा पद्धति तथा ज्ञान हमें परोपकार को जीवन में नियमित रूप से अपनाने का आदेश देता है।
हर धर्म में परोपकार को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है इतिहास में जितने भी महामानव हुए हैं उनके अंदर एक गुण सामान्य रहे हैं वह परोपकार की भावना।
रामायण काल में भगवान श्री राम को तथा महाभारत काल में परोपकार की सबसे बड़ी मूर्ति भगवान श्रीकृष्ण को लिया जा सकता है। जिन्होंने स्व से पहले समाज को रखा। उनके जीवन से दया करुणा तथा परोपकार की भावना हर किसी के लिए एक आदर्श है।
शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति परोपकार नहीं करता उसकी कोई भी उपासना या अनुष्ठान फलित नहीं होती। यह बात शत प्रतिशत सत्य है कि जब तक हमारे समाज का एक भी व्यक्ति दुखी है तब तक हमारी कोई भी उपासना फलित नहीं हो सकती।
जब तक मानव के अंदर जमा करने की लालसा तथा अपने भाइयों के प्रति और संवेदनशीलता की भावना रहेगी तब तक समाज पूरी तरह से सुखी नहीं हो सकता। हर धर्म ग्रंथ चीख-चीख कर परोपकार को जीवन के सार के रूप में इंगित करता है।
परोपकार के लाभ Benefits of Philanthropy in Hindi
परोपकार के अनगिनत लाभ है। जहां एक तरफ इससे समाज में गरीब तथा जरूरतमंद लोगों को मदद मिलती है वहीं दूसरी तरफ समाज में सकारात्मकता की वृद्धि भी होती है।
हमारे अगल बगल की हर चीजें किसी न किसी तरीके से हमारे ऊपर परोपकार कर रहे हैं। परोपकार से एक दूसरे के प्रति प्रेम तथा भाईचारे की भावना बढ़ती है।
परोपकार के आध्यात्मिक लाभ के रूप में सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे लोभ, लालच, अहंकार का पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
हमें अपने अंदर परोपकार की भावना जागृत करनी चाहिए और अपने आने वाली पीढ़ियों को परोपकार तथा प्रेम के भाव को भेंट के रूप में देना चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा अमूल्य गुण हैं जिससे सब कुछ पाया जा सकता है।
परोपकार पर 10 लाइन 10 Lines on Philanthropy in Hindi
- शास्त्रों में परोपकार को साधना का एक जरूरी अंग कहा गया है और हर साधना के साथ परोपकार का विशेष महत्व बताया गया है।
- परोपकार शब्द संस्कृत के “पर” और “उपकार” शब्द से मिलकर बना हुआ है। पर अर्थात दूसरों पर उपकार अर्थात उपकार या मदद।
- जिस उपकार में निजी स्वार्थ निहित हो उसे परोपकार नहीं कहा जा सकता।
- कवि रहीम कहते हैं कि वृक्ष और नदी की तरह जो इंसान परोपकार के काम करता है वह उसकी सच्ची संपत्ति मानी जाती है।
- परोपकार का महत्व आध्यात्मिक दृष्टि से भी बेहद ही अधिक माना जाता है क्योंकि इससे अहंकार का नाश होता है।
- परोपकार से समाज में समरसता तथा प्रसन्नता की बढ़ोतरी होती है।
- सनातन संस्कृति के सार के रूप में परोपकार को लिया जा सकता है इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने परोपकार के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया।
- प्राचीन काल में गुरुकुल के माध्यम से परोपकार को धर्म के एक विशेष पहलू के रूप में पढ़ाया जाता था।
- रामायण काल में भगवान श्री राम को तथा महाभारत काल में परोपकार की सबसे बड़ी मूर्ति भगवान श्रीकृष्ण को लिया जा सकता है।
- परोपकार के आध्यात्मिक लाभ के रूप में सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे लोभ, लालच, अहंकार का पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
निष्कर्ष conclusion
इस लेख में आपने परोपकार पर निबंध (Essay on Philanthropy in Hindi) पढ़ा आशा ही आलेख आपको सरल लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।