इस लेख में हमने विश्व शांति और भारत पर निबंध (Essay on the World Peace and India in Hindi) हिंदी में लिखा है। अगर आप विश्व शांति में भारत की योगदान तथा भारत की जरूरत जैसे मुद्दों वाले निबंध की तलाश कर रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बेहद मददगार साबित होने वाला है।
प्रस्तावना (विश्व शांति और भारत पर निबंध Essay on the World peace and india in Hindi)
भौगोलिक आधार पर इंसानों ने अपने अनुकूल रहने के लिए जगह का निर्माण किया। जब वे समूह में रहने लगे तो उसे कबीले का नाम दिया गया लेकिन जब समूह बेहद ही बड़ा हो गया तो उसे एक देश का नाम दे दिया गया। देशों के समूह को विश्व कहा जाता है।
पूरी दुनिया में एकमात्र भारत ऐसा देश है जिसने सभी धर्मों तथा संप्रदाय के लोगों को आश्रय दिया। यहां पर आने वाले लोग भी यहां के होकर रह गए।
भारत एक ऐसा देश है जिसने कभी विस्तार वादी नीति के लिए किसी पर हमला नहीं किया या किसी धर्म का प्रचार करने के लिए किसी पर शारीरिक या मानसिक दबाव नहीं बनाया।
भारत ने हमेशा ही विश्व में शांति का संदेश दिया है। भारत से ही दुनिया में शुद्ध संस्कृति का प्रचार हुआ। दुनिया में जितने भी ज्ञान का प्रसार हुआ वह सब भारत से ही हुआ है।
भारत लंबे समय तक स्वयं आजादी के लिए संघर्ष करता रहा है लेकिन कभी भी किसी देश पर हमला नहीं किया। आज के समय में विश्व शांति के लिए भारत की आवश्यकता सबसे ज्यादा है।
भारत को विश्व गुरु इसलिए कहा जाता था कि भारत सत्य तथा शांति का उद्गम स्थल रहा है। भारत में जन्मे महापुरुषों के कर्मों का केंद्र जन कल्याण तथा विश्व कल्याण ही रहा है।
विश्व शांति में भारत का योगदान India’s Contribution to World Peace in Hindi
बृहस्पति शास्त्र में भारतवर्ष की बहुत ही आकर्षक परिभाषा बताई गई है। इस परिभाषा को सभी इतिहासकार एकमत से मान्यता देते हैं। बृहस्पति शास्त्र कहता है कि।
“हिमालयं समारभ्य यावद् इंदु सरोवरम्
तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानाम प्रचक्षते”
हिमालय से शुरू होकर हिंद महासागर तक फैली हुई पवित्र भूमि जिसका निर्माण देवताओं ने किया है ऐसी भूमि को हिंदुस्थान या हिंदुस्तान कहा जाता है।
इतना विशाल राष्ट्र होने के बावजूद भी भारत ने सभी को शांति का संदेश दिया तथा सभी के विकास में भरपूर योगदान दिया।
भारत की भूमि से जन्मे महात्मा बुद्ध, भगवान महावीर और गुरु नानक देव ने जग को शांति का संदेश दिया। उन्होंने जनसमूह को सत्य तथा धर्म की रक्षा के लिए संगठित किया।
वे सभी जगह जगह जाकर लोगों को दया करुणा तथा शांति का संदेश दिया करते थे। बहुत से जगह उन्हें सम्मान मिलता था लेकिन उसके साथ उन्हें काफी जगह अपमान भी मिलता था। इसके बाद भी उन्होंने आजीवन सत्य तथा शांति का मार्ग नहीं छोड़ा।
आज पूरी दुनिया दो भागों में बट चुकी है एक तरफ अमीर तथा विकसित देश तथा दूसरी ओर गरीब तथा विकासशील देश आते हैं।
लेकिन ज्यादातर युद्ध इन विकसित देशों के बीच ही हुए हैं। चाहे वह प्रथम विश्वयुद्ध हो या द्वितीय विश्व युद्ध। संपन्न देश अपनी ताकत के दम पर अन्य देशों को दबाने तथा शोषित करने में यकीन रखते हैं।
लेकिन एक समय पर विश्व का सबसे अमीर देश माना जाने वाला भारत ने कभी भी किसी के खिलाफ पहले युद्ध नहीं छेड़ा।
आज धनवान देश धन के दम पर सब कुछ हथिया लेने के चक्कर में हैं। आज इन देशों ने इतने खतरनाक हथियार या गोली बारूद का जखीरा खड़ा कर लिया है जिसके माध्यम से पूरी दुनिया का आठ बार नाश किया जा सकता है।
लेकिन भारत देश आज भी विश्व शांति के लिए अपना पूरा योगदान दे रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कोरोना काल है। जिसमें पूरी दुनिया भयभीत होकर अपनी दवाओं को अपने लोगों के बीच तक नियंत्रित कर दिया था। तो वही दूसरी ओर भारत अपने पड़ोसी तथा अन्य गरीब देशों को मुफ्त में दवाइयां तथा वैक्सीन मुहैया करवा रहा था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक पहल के रूप में गरीब देशों को मुफ्त में वैक्सीन बांटने का कार्यक्रम शुरू किया था लेकिन विश्व के संपन्न देश डब्ल्यूएचओ को वैक्सीन देने से मना कर दिया लेकिन भारत डब्ल्यूएचओ को अकेले के दम पर तीस प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीन मुहैया करवाया।
जब-जब विश्व को आवश्यकता पड़ी है तब तक भारत ने दुनिया की मदद की है। लेकिन जब बात भारत की सुरक्षा की आती है तो विश्व के अन्य संपन्न देश स्वार्थ वश अपना मुंह फेर लेते हैं।
विश्व शांति की जरूरत क्यों? Need for World Peace in Hindi
सबसे बड़े उदाहरण के रूप में भारत का पड़ोसी देश चीन है। जिसने अपनी ताकत के दम पर छोटे-छोटे देशों को अपने कब्जे में ले लिया है और जिसने महामारी के समय में भी अपने विस्तार वादी नीति को जारी रखा।
दूसरे उदाहरण के रूप में हाल में ही हुए तुर्की के पड़ोसी देश अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच हुआ भयंकर युद्ध है। एक छोटी सी जमीन के लिए दोनों देशों ने हजारों जाने ली। सबसे महत्वपूर्ण बात की इन दो छोटे देशों के युद्ध में संपन्न देश अपना व्यवसायिक फायदा खोजने में लगे थे।
लेकिन दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य सेना और जानी-मानी आर्थिक शक्ति होने के बावजूद भी भारत ने कभी किसी भी देश को धमकी तक नहीं दी। इसलिए आज विश्व शांति के लिए भारत की जरूरत बहुत ही ज्यादा है।
आज दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी हुई है। ऐसा कहा जा सकता है कि दुनिया के विनाश के रूप में सिर्फ एक उंगली की दूरी है। दुनिया की कमान भारत जैसे देश के हाथ में होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि भारत ही दुनिया को सच्चाई तथा अहिंसा का असली पाठ पढ़ा सकता है।
विश्व शांति दिवस World Peace Day in Hindi
हर वर्ष 21 सितंबर को विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हर कोई आपस की बैर भूल कर भाईचारे की भावना कायम करता है।
कहा जाए तो शांति के बिना जीवन का कोई आधार ही नहीं है। वैसे आमतौर पर इस शब्द का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में युद्ध विराम या संघर्ष में ठहराव के लिए किया जाता है।
शांति दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों और नागरिकों के बीच शांति व्यवस्था कायम करना और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों और झगड़ों पर विराम लगाना है।
निष्कर्ष Conclusion
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